लोहरदगा : जिले के कैरो प्रखंड क्षेत्र के गजनी पंचायत अंतर्गत चाल्हो ग्राम के 13 से 15 घरों के 50 से 60 लोग बांस से सामान (Bamboo Products) बना कर आत्मनिर्भर (Self-Reliance) हो रहे हैं।
चाल्हो गांव के प्रकाश तुरी, सीमा तुरी, कर्मी देवी, पूजा कुमारी, बीरबल तुरी, विक्रम तुरी, जुलिया तुरी, एतवा तुरी, कृष्णा तुरी, ललिता तुरी ने स्टार स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में इन्हें जमशेदपुर ट्रेंनिग के लिए भेजा गया।
वर्तमान समय में अपने घरों पर रह कर बांस से सुप, दउरा, टोकरी, पंखा सहित कई प्रकार की वस्तु तैयार कर लोहरदगा, रांची व स्थानीय बाजारों में बेच कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
वस्तुओं की बिक्री के लिए बड़ा बाजार का क्षेत्र में अभाव
अभी तूरी समाज के लोग पुरी मुस्तैदी के साथ छठ पर्व की तैयारियों में लगे हैं। लोहरदगा जिले में बांस के बने सूप दउरा की काफी मांग होती है। इन्हें कीमत भी अच्छी मिलती है। परिवार के सभी सदस्य मिलकर काम करते हैं और बेहतर आमदनी इन्हें होती है।
बीरबल तुरी का कहना है कि वर्तमान समय में एक बम्बू बांस की कीमत 40 से 50 रुपये है। एक सूप तैयार करने में लगभग 100 रुपये का खर्च आता है।
बांस से बने वस्तुओं की बिक्री (Sale of Goods) के लिए बड़ा बाजार का क्षेत्र में अभाव है। सरकार के द्वारा बांस से बने वस्तुओं की बिक्री के लिए बाजार की व्यवस्था की जाती तो अच्छी आमदनी होती।