लंदन: कोरोना के उपचार में अब एंटीबॉडी ने दस्तक दी है, जिसे ब्रिटेन के औषधि नियामक ने गुरुवार को कोविड-19 के नए एंटीबाडी उपचार को मंजूरी दे दी। उनका मानना है कि यह इलाज कोविड के ओमीक्रोन जैसे नए वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर हो सकता है।
औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने कहा कि शेवुडी या सोट्रोविमैब, हल्के से मध्यम संक्रमण वाले पीडि़तों के लिए है, जिनमें गंभीर रोग विकसित होने का खतरा अधिक है।
जीएसके और वीर बायोटेक्नोलाजी द्वारा विकसित सोट्रोविमैब एक खुराक वाली एंटीबाडी है।
यह कोरोना वायरस के बाहरी सतह पर स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर काम करती है और वायरस को मानव कोशिका में प्रवेश करने से रोक देती है। इससे वायरस का प्रसार नहीं हो पाता है।
एमएचआरए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जून रैन ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पास अब उन लोगों के लिए कोविड-19 का एक सुरक्षित और कारगर उपचार सोट्रोविमैब है, जिनमें गंभीर रोग विकसित होने का खतरा है।’
उन्होंने कहा कि इसमें गुणवत्ता, सुरक्षा व प्रभाव को लेकर समझौता नहीं किया गया है।
एमएचआरए ने कहा कि यह जानना अभी जल्दबाजी होगी कि सोट्रोविमैब, ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कितना प्रभावी होगी, लेकिन हम इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए विनिर्मिताओं के साथ काम करेंगे।’
हालांकि, प्रारंभिक अध्ययन के हवाले से शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वायरस के स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाती है, जिसमें अभी तक कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। ऐसे में सोट्रोविमैब को सभी वैरिएंट के खिलाफ काम करना चाहिए।