लंदन: कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट ने इन दिनों ब्रिटेन में कोहराम मचा रखा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि सब वेरिएंट ‘बीए.2’ ओमिक्रॉन वेरिएंट से डेढ़ गुना ज्यादा संक्रामक है।
यह सब वेरिएंट डेनमार्क में अपना प्रभाव बनाए हुए है। देश की टॉप डिसीज अथॉरिटी स्टेट्स सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि ‘बीए.2’ ओमिक्रॉन वेरिएंट यानि ‘बीए.1’ की तुलना में डेढ़ गुना तेजी से फैलता है।
जिसकी वजह से ब्रिटेन में ज्यादातर मामले इस सब वेरिएंट से जुड़े हैं। हालांकि, यह सब वेरिएंट अति संक्रामक जरूर है लेकिन घातक नहीं है। सीरम इंस्टीट्यूट ने इसकी समीक्षा करते हुए यह बात कही है।
इंस्टीट्यूट के अनुसार, संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या ओमिक्रॉन वेरिएंट और उसके सब वेरिएंट से संबंधित मामलों में एक जैसी है उनमें ज्यादा अंतर नहीं है।
एसएसआई के टेक्निकल डायरेक्टर टीरा ग्रोव ने कहा कि इस बात के संकेत मिले हैं कि यह सब वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है विशेषकर उन लोगों के लिए जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है।
हालांकि यह वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी प्रभावित कर रहा है।
यह वेरिएंट अब तक यूएस के आधे राज्यों में पहुंच गया है, देशभर में इससे जुड़े 127 केस मिले हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रोटेक्शन ने शुक्रवार को इसका खुलासा किया।
वहीं यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट में यह पाया गया कि 16 जनवरी तक इंग्लैंड में संक्रमण के नए मामलों में 3.4 फीसदी केस इस सब वेरिएंट से जुड़े हैं और यह हर सप्ताह डबल होते जा रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि धीरे-धीरे विकसित होकर यह सब वेरिएंट ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन की तुलना में और अधिक संक्रामक बन सकता है।
साथ ही ब्रिटेन में कोविड-19 वायरस का सबसे प्रभावशाली वेरिएंट बनकर उभर सकता है। डेनमार्क में यह सब वेरिएंट ओमिक्रॉन के अपने मूल वेरिएंट को संक्रमण के मामलों में पीछे छोड़ चुका है। हालांकि ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि इस वेरिएंट से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि ब्रिटेन में सभी कोविड प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की गई है। वहींयूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजिलिया के महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर पॉल हंटर ने मेल ऑनलाइन से कहा कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट ‘बीए.2’ से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
दरअसल पिछले सप्ताह ‘बीए.2’ वेरिएंट को जांच के लिए डेसिगनेट किया गया था और शुक्रवार को यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने बताया कि 24 जनवरी तक इंग्लैंड में इस सब वेरिएंट के 1072 मामलों की पहचान हुई है।