रांची: वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सोमवार को भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) का नेत्र उत्सव होगा।
इस मौके पर जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के नवयौवन रूप के दर्शन होंगे। प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा 14 दिनों के बाद भक्तों को दर्शन देंगे।
मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी। हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में दिन में ही नेत्र उत्सव किया जायेगा।
साथ ही भंडारे का आयोजन कर प्रसाद का भी वितरण किया जायेगा। खरसावां, सरायकेला (Seraikela) समेत अन्य स्थानों पर सोमवार की रात को नेत्र उत्सव होगा।
अणसर गृह में ही चतुर्था मूर्ति की रंगाई-पुताई
मान्यता है कि 4 जून को स्नान पूर्णिमा के दिन अत्याधिक स्नान से प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा बीमार हो गयी थीं।
इसके बाद मंदिर के अणसर गृह में देशी नुस्खों के साथ उपचार किया गया। अलग-अलग प्रकार की जड़ी-बूटी से तैयार दवा दी गयी।
अब प्रभु जगन्नाथ स्वस्थ हो गये हैं। इस दौरान अणसर गृह में ही चतुर्था मूर्ति की रंगाई-पुताई की गयी।
नेत्र उत्सव के दिन भगवान पूरी तरह से स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
नेत्र उत्सव के एक दिन बाद 20 जून को प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।
इस मौके पर भक्तों में प्रसाद का भी वितरण किया जायेगा।
प्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा का कार्यक्रम
19 जून : प्रभु जगन्नाथ का नेत्र उत्सव सह नव यौवन रूप के दर्शन
20 जून : श्रीगुंडिचा रथ यात्रा
24 जून : हेरा पंचमी पर मां लक्ष्मी द्वारा रथ भंगिनी
27 जून : संकट तारीणी व्रत
28 जून : श्री जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक बाहुड़ा यात्रा