न्यूज़ अरोमा रांची: राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में साढ़े तीन से चार माह तक देशव्यापी लॉकडाउन राजस्व संग्रहण में हुए।
नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती लेकिन 15 जुलाई के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी हुई।
उन्होंने बताया कि राजस्व संग्रहण में आयी कमी को प्रोफेशनल टैक्स का दायरा बढ़ाकर और अन्य क्षेत्रों के माध्यम से इस गैप को पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
रांची स्थित अपने आवासीय कार्यालय में शुक्रवार को वित्तमंत्री ने कहा कि अब राजस्व संग्रहण की स्थिति लगभग सामान्य हो गयी है, पिछले वर्ष की तरह ही उत्पाद और अन्य टैक्स का संग्रहण अब शुरू हो गया है।
इसके अलावा राज्य में प्रोफेशनल टैक्स के रूप में 2500 रुपये सालाना सभी प्रोफेशनल्स से वसूले जाने का प्रावधान किया था, कोरोना संक्रमण काल में इस दायरे को बढ़ाया गया है।
इस दायरे में कई अन्य प्रोफेशनल्स को लाने से राजस्व में वार्षिक करीब 30 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है।
इसके अलावा झारखंड में वन क्षेत्र से भी बड़ी मात्रा में राजस्व संग्रहण संभव है। इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से भी प्रयास किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि 15 जुलाई के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होने के बाद राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजनाओं के लिए खर्च होने वाली को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है।
आने वाले समय में स्थिति में सुधार होगी, तो शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की यह कोशिश होगी कि चालू वित्तीय वर्ष में शत-प्रतिशत राशि खर्च हो सके और अधिक से अधिक जनकल्याण की योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पहले कोरोनाकाल में राजस्व संग्रहण में कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों को यह सलाह दी गयी थी कि जीएसटी क्षतिपूति इतनी राशि सरकार आरबीआई से कर्ज ले लें।
लेकिन इसका राज्य सरकारों की ओर से विरोध किया गया, तो केंद्र सरकार की ओर से दो विकल्प रखे गये।
इसके तहत पहले विकल्प में यह कहा गया कि राज्य सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए आरबीआई से ऋण ले ले, केंद्र सरकार इसके मूलधन और ब्याज का वहन करेगी।
झारखंड सरकार ने इस विकल्प को मानते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया था और संभवतः 1500 से 1600 करोड़ रुपये की राशि इस मद में झारखंड सरकार को आजकल में मिल जाएगी, या मिल गयी होगी।
डॉ. उरांव ने यह भी जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर कुछ राशि झारखंड को मिल चुकी है और उस राशि से जनकल्याणी योजनाओं को सरजमीं पर उतारने का काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा।