लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आखिरकार अपने बिछुड़े हुए चाचा शिवपाल सिंह यादव के आवास पर गुरुवार को बैठक के लिए गए।
दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई, जो चुनाव से पहले निश्चित मेलजोल का संकेत है। कुछ पारिवारिक समारोहों में आमने-सामने होने के बावजूद दोनों के बीच पिछले पांच साल में कोई बातचीत नहीं हुई थी।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने हालांकि मीडिया से बात नहीं की, लेकिन सूत्रों ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के बीच गठबंधन पर चर्चा की और इसके लिए सहमत हुए।
एक सूत्र ने कहा, बैठक बिना किसी सहयोगी की मदद लिए, सौहार्दपूर्ण और भावनात्मक माहौल में हुई। आने वाले दिनों में चुनावी संग्राम के तौर-तरीकों पर चर्चा के लिए इस तरह की और भी बैठकें होंगी।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव बार-बार दोनों नेताओं को चुनाव से पहले कड़वाहट मिटाने के लिए कह रहे थे।
शिवपाल यादव ने कई मौकों पर कहा था कि वह अपनी पार्टी का सपा में विलय करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उनकी गरिमा और उनके समर्थकों का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि वह अपने चाचा के साथ गठबंधन करेंगे, लेकिन उनसे मिलने या बात करने से परहेज किया था। यही वजह है कि उनके रिश्ते के बारे में अटकलें लगाई जा रही थीं।