चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसले में कहा कि राष्ट्रीय ध्वज वाला एक बड़ा केक काटना और फिर उसे खाना कोई दंडनीय अपराध नहीं है। हाईकोर्ट ने यह फैसला 2013 के एक मामले में दिया है।
न्यायमूर्ति एन आनंद और न्यायमूर्ति वेंकटेश ने व्यवस्था दी कि राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला एक बड़ा केक काटना और उसे खाने को संबंधित अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध नहीं माना जा सकता।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे कृत्य को राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।
हाईकोर्ट ने यह फैसला 25 दिसंबर, 2013 को कोयंबटूर में क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में छह फीट लंबा और पांच फीट चौड़ा एक केक कथित तौर पर काटा गया था।
इस केक पर आइसिंग से भारत का नक्शा और तिरंगा झंडा बनाया था। इसे हजारों लोगों के बीच बांटा गया था।
कोयम्बटूर जिला कलेक्टर और एक डीसीपी भी उस समारोह में शामिल हुए थे।
बता दें कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत राष्ट्रीय ध्वज का अपमान दंडनीय अपराध माना गया है।