रांची में जुटे पूरे झारखंड के मदरसा व संस्कृत शिक्षक, प्रदर्शन की चेतावनी

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रांची: ऑल झारखंड मदरसा टीचर्स एसोसिएशन की बैठक गुरुवार को मदरसा इस्लामिया रांची में एसोसिएशन के अध्यक्ष सय्यद फजलुल होदा की अध्यक्षता में हुई।

बैठक में राज्य के 186 मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

बैठक में मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों ने मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के प्रति शिक्षा विभाग के रवैये के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई।

बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के महासचिव हामिद गाजी ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे लंबित भुगतान के आदेश जारी कर दिए जाने के बावजूद शिक्षा विभाग में बैठे अफसरों के द्वारा मदरसों के शिक्षकों के बकाया वेतनादि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जो सरासर नाइंसाफी है।

शिक्षा विभाग में बैठे पदाधिकारी दोहरी नीति अपनाते हुए मदरसों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मदरसा के शिक्षक पिछले तीन सालों से वेतन से वंचित हैं, दाने दाने के लाले पड़ गए हैं और शिक्षा विभाग में बैठे पदाधिकारी बार बार मदरसों की जांच का आदेश निकाल रहें हैं।

बकाया भुगतान होने पर ही करने देंगे मदरसों की जांच

उन्होंने कहा कि जब तक पूरे बकाया वेतन भुगतान नहीं हो जाता है तब तक हम मदरसों की किसी भी तरह का जांच नहीं कराएंगे, पिछले तीन सालों में मदरसों की कई बार जांच की जा चुकी है, फिर इसमें और जांच की क्या आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पहले तमाम बकाया वेतनादि भुगतान हो और जो मदरसे मानक मण्डल को पूरा नहीं करते हैं उन्हें पूरा करने के लिए एक साल का समय दिया जाय।

हामिद गाजी ने कहा कि अगर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी मदरसों के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपनाते हैं तो हम मदरसा शिक्षक मजबूर हो कर सड़क पर उतरने पर मजबूर होंगे।

बैठक में उपस्थित एसोसिएशन की जिम्मेदरों ने मदरसों की बार बार जांच(भौतिक सत्यापन) का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में कई स्तर पर मदरसों की जांच हुई और हमलोगों ने उसका साथ भी दिया। लेकिन अब हम भूखे रहकर किसी भी प्रकार की जांच पर सहयोग नहीं करंगे,विरोध करेंगे।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पहले सभी तरह के बकाया का भुगतान हो और जो मदरसे मानक मंडल को अगर पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें पूरा करने के लिए एक साल का समय दिया जाए।

मदरसा के शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अवर सचिव उपेंद्र सिन्हा पर पक्षपात का आरोप लगाया है।

बैठक में उपस्थित विभिन्न जिलों के शिक्षकों ने कहा कि उपेंद्र सिन्हा का रवैया मदरसों के प्रति सकारात्मक नहीं है।

वह मदरसों को बंद कराने में तुले हुए हैं।

शिक्षकों ने कहा कि अवर सचिव उपेन्द्र सिन्हा मदरसों की सिर्फ नकारत्मक रिपोर्ट सरकार तक पहुंचाते हैं और गुमराह करते हैं।

शिक्षकों के मुताबिक उपेंद्र सिन्हा उनसे मिलने गए शिक्षकों के सामने बोल चुके हैं कि “ ’विभाग में मैं जब तक रहूंगा मदरसों को आगे बढ़ने नहीं दूंगा“।’ विभाग के अवर सचिव की इस कथन से मदरसा शिक्षकों में आक्रोश है।