बोकारो : 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश (UP) के प्रयागराज (Prayagraj) में अस्पताल के गेट के बाहर माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद को तीन युवकों ने गोलियों से भून डाला था।
मीडिया के कैमरे के सामने हुआ था। इस कांड को लेकर तरह-तरह के एंगल से चर्चा अभी जारी है और रहेगी इस बीच झारखंड के बेरमो से अतीक अहमद के तार जुड़े होने की बात सामने आ रही है।
जब्त किया गया था रिवाल्वर और कारतूस
बताया जाता है कि साल 1991 में बेरमो (Bermo) के जारंगडीह में गोलीबारी की घटना घटी थी।
इसे लेकर बोकारो थर्मल थाना कांड संख्या 86/91 के तहत अतीक अहमद अप्राथमिक अभियुक्त था।
वैसे पांच पर नामजद मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान माफिया अतीक अहमद का नाम गोलीबारी से जुड़ा था।
इस गोलीबारी में अतीक अहमद का रिवाल्वर और कारतूस को जब्त किया गया था।
चार माह पहले अतीक अहमद का एक पीए तेनुघाट (Tenughat) आया था और जब्त रिवाल्वर व कारतूत को भी रिलीज करवाने के लिए आया था।
सोने से जड़ित है रिवाल्वर व कारतूस
अधिवक्ता वेंकट हरि विश्वनाथ ऊर्फ बंबी ने बताया कि चार महीना पहले माफिया अतीक अहमद का जब्त रिवाल्वर व कारतूस को रिलीज कराने के लिए एक व्यक्ति आया था।
उस समय वह जेल में नहीं था। उसके PA ने अधिवक्ता को बताया था कि जब्त रिवाल्वर व कारतूस में सोना जड़ित है और वह भी यूनिक है। इसलिए रिलीज कराने आया था।
तेनुघाट के वरिष्ठ वकील स्व कुमार अनंत मोहन सिन्हा और इनके जूनियर समीर कुमार सामंता अतीक अहमद के इस मामले को देख रहे थे।