रांची: राजधानी रांची और चतरा से सटे कोल परियोजनाओं में माफिया राज अक्सर हावी रहा है।
बिना लेवी-रंगदारी वसूली कोयला का वैध या अवैध कारोबार नहीं हो सकता है। इधर, कोयला बिक्री और ट्रांसपोर्ट का सीजन आते ही अवैध वसूली फिर तेजी पकड़ ली है।
आम्रपाली कोल परियोजना, मगध परियोजना, रोहिणी, अशोका, पूर्णाडीह सहित अन्य परियोजनाओं में अवैध वसूली का खेल जारी है।
कोयला के कारोबारी माफियाओं, टीपीसी उग्रवादियों को हिस्सा देकर ही कोयला का कारोबार करते आ रहे रहे हैं। मामले में अफसर भी अनजान बने रहते हैं।
टेरर फंडिंग का चल रहा खेल
कोयला जगत में जमकर टेरर फंडिंग का खेल चलता आ रहा है। इसकी व्यवस्थित वसूली के लिए कमेटी तक बनी हुई है।
रंगदारी की वसूली के लिए वर्चस्व के खेल में लगातार खून भी बहता रहा है। कोयला से संबंधित विवाद में ही हाल में प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भीलगातार वर्चस्व की जंग में बहता रहा है खून
कोयला के कारोबार में उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, माओवादियों के अलावा गैंगस्टर पांडे गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह रंगदारी वसूली के लिए लगातार वर्चस्व की लड़ाई में अापराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा है।
इन अपराधियों और उग्रवादी संगठनों के हस्तक्षेप से ही कोयला का अवैध व्यापार जोरों से चल रहा है। सीसीएल प्रबंधन और पुलिस इस पर आंखें मूंदे रहता है।
फंडिंग मामले में 77 लोगों पर केस
पिपरवार कोलियरी क्षेत्र में उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को फंडिंग करने के मामले में पुलिस ने 77 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इनमें टीएसपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू, डिपो होल्डर और सीसीएल के करीब एक दर्जन कर्मचारी शामिल हैं।
पुलिस ने 16 सितंबर को जामडीह गांव से धनराज उर्फ मिट्ठू गंझू व एक अन्य को लेवी के 3.85 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था।
उनसे पूछताछ के बाद 77 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में एनआइए भी जांच कर रही है।
रैक लोडिंग में रंगदारी वसूली
हजारीबाग जेल परिसर में मारा गया कुख्यात अपराधी सुशील श्रीवास्तव का पुत्र अमन श्रीवास्तव का गैंग रांची, रामगढ़ और हजारीबाग जिले में सक्रिय है।
खलारी पिपरवर और बचरा की कोल परियोजनाओं में इसका गिरोह सबसे ज्यादा सक्रिय है। खलारी इलाके में रैक लोडिंग में रंगदारी वसूली जारी है।
हालांकि चार महीने में चार हत्या
खलारी थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 के सितंबर से लेकर नवंबर के बीच बैक टू बैक 4 हत्याएं हुई थीं। नवंबर महीने के गुरुद्वारा चौक के पास दिनदहाड़े कोयला कारोबारी रिंकू सरदार की ताबड़तोड़ गोली चलाकर हत्या कर दी गई थी।
5 नवंबर की शाम 6.30 बजे राय रेलवे स्टेशन के पूर्वी केबिन के सामने कोयला करोबार से जुड़े मुन्ना खान को गोली मार दी गई थी।
3 सितंबर को पिपरवार जीएम ऑफिस के पास जगदीश होटल में रात सात बजे तीन कोयला कारोबारियों को अपराधियों ने गोली मार दी ती।
इसमें लखन महतो और सूरेश गंझू उर्फ की मौत मौके पर ही हो गई थी। 6 अक्टूबर 2019 को पिपरवार थाना क्षेत्र में रविवार को कोयला कारोबारी साबिर अंसारी (35) की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
बाइक सवार छह राउंड ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या की थी। कोयला के कारोबार विवाद में ही साबिर की हत्या हुई थी।