मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केंद्र पर अभी 29,290 करोड़ रुपये का बकाया लंबित है।
राज्यपाल ने कुल राशि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि क्षतिपूर्ति के तौर पर 46,950 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से केंद्र सरकार ने केवल 6,140 करोड़ रुपये दिए हैं और राज्य को फरवरी 2021 तक 11,520 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं।
कोश्यारी ने महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के उद्घाटन के दिन राज्य के विधायकों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। राज्यपाल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केंद्र पर अभी 29,290 करोड़ रुपये का बकाया लंबित है।
राज्य में कोविड-19 महामारी के संकट के पहले और बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना सांसद संजय राउत सहित शीर्ष महा विकास अघाडी नेता नियमित रूप से केंद्र से जीएसटी मुआवजे के बकाए की मांग कर रहे हैं।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा, फरवरी 2021 के अंत में मेरी सरकार का माल एवं सेवाकर क्षतिपूर्ति के तौर पर 46,950 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से केंद्र सरकार ने केवल 6,140 करोड़ रुपये दिए हैं और 11,520 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं।
कोश्यारी ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था पर चिकित्सा आपात और प्राकृतिक आपदाओं का भी बोझ रहा है।
उन्होंने कहा कि कुल 3,47,458 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली लक्ष्य के मुकाबले राज्य सरकार की जनवरी के अंत तक केवल 1,88,542 करोड़ रुपये की ही वसूली हुई है, जो कि बजट अनुमान के मुकाबले 35 प्रतिशत और पिछले साल इसी अवधि में हुई वसूली के मुकाबले 21 प्रतिशत कम रहा है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राजस्व में आई उल्लेखनीय गिरावट के बावजूद राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा और दवा, राहत एवं पुनर्वास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा गृह क्षेत्र के लिए प्राथमिकता के साथ कोष उपलब्ध कराया है।
राज्यपाल ने कहा, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए मेरी सरकार ने पूंजी व्यय के लिए बजट में किए गए प्रावधानों का 75 प्रतिशत तक उपलब्ध कराया है और स्थानीय विकास कोष, डीपीसी योजना और डोंगरी विकास कार्यक्रम को 100 प्रतिशत धन आवंटित किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति और आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार लगातार केंद्र पर केंद्रीय योजनाओं के लिए अधिक योगदान करने पर जोर देती आ रही है।
कोश्यारी ने महामारी को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए कई उपाय करने के लिए राज्य सरकार की पीठ थपथपाई, जो न केवल देश के बाकी हिस्सों के लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए एक मॉडल बन गया है।
इस अवसर पर ठाकरे, पवार, विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस और प्रवीण देरेकर सहित दोनों सदनों के मंत्री और विधायक मौजूद रहे।