Mahua Moitra Defamation Case : तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने मानहानि के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का नाम पक्षकारों की सूची से हटाने की मांग की है।
महुआ मोइत्रा की इस मांग को हाई कोर्ट ने मंजूर करते हुए याचिका में संशोधन कर संशोधित पक्षकारों की सूची एक हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वकील समुद्र सारंगी ने कहा कि याचिकाकर्ता 18 प्रतिवादियों के नाम इस मामले में पक्षकारों की सूची से हटाना चाहती हैं।
वे केवल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ ही केस चलाना चाहती हैं। हाई कोर्ट ने इस अर्जी को मंजूर करते हुए महुआ मोइत्रा को एक हफ्ते के अंदर पक्षकारों की संशोधित सूची दाखिल करने का निर्देश दिया। उसके बाद कोर्ट ने निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण ने 20 अक्टूबर को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। सुनवाई के दौरान इस मामले के प्रतिवादी और वकील जय अनंत देहाद्राई ने वकील गोपाल शंकरनारायण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि महुआ के वकील ने उनसे संपर्क कर महुआ के खिलाफ सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा था।
देहाद्राई ने कहा था कि 19 अक्टूबर की रात को गोपाल शंकरनारायण ने उन्हें फोन किया और कहा कि CBI शिकायत वापस ले लें और बदले में वे हेनरी नामक कुत्ता अपने कब्जे में ले लें।
गोपाल शंकरनारायण ने कहा
देहाद्राई और महुआ ने एक-दूसरे पर हेनरी की चोरी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस से शिकायत की है। देहाद्राई ने कहा था कि ये हितों के गंभीर टकराव का मामला है।
देहाद्राई की बातें सुनने के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि मुझे आश्चर्य है। आपसे उच्च पेशेवर मानदंडों की उम्मीद की जाती है। क्या आपने प्रतिवादी नंबर दो से संपर्क किया है ।
इस पर गोपाल शंकरनारायण (Gopal Shankaranarayan) ने कहा था कि उन्होंने देहाद्राई से महुआ मोइत्रा की सहमति से संपर्क किया था। तब कोर्ट ने कहा था कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की।
क्या अब भी आप इस मामले में पेश होने योग्य हैं। इसका जवाब आप खुद दें, मैं आप पर छोड़ता हूं। इस पर गोपाल शंकरनारायणन ने महुआ की तरफ से वकील के रूप में अपना नाम वापस ले लिया।
महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के अलावा वकील जय अनंत देहाद्राई और कुछ मीडिया संस्थानों को भी प्रतिवादी बनाया है। याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे।
15 अक्टूबर को निशिकांत ने महुआ मोइत्रा पर लगाया आरोप
निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे। इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से जुड़े हुए थे जो हीरानंदानी का बाजार में प्रतिस्पर्धी है।
दुबे को वकील देहाद्राई ने पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने CBI से इस बात की शिकायत की है कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे।
देहाद्राई ने अपनी शिकायत के समर्थन में CBI को साक्ष्य भी पेश किया था।देहाद्राई ने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को लोकसभा के आनलाइन अकाउंट का एक्सेस दिया था, जिसका हीरानंदानी ने अपनी मनपसंद सवाल पूछने के लिए दुरुपयोग किया। महुआ मोइत्रा ने इस आधार पर 50 से 61 सवाल पूछे थे।
महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले निशिकांत दुबे, देहाद्राई और मीडिया संगठनों को लीगल नोटिस भेजा था। महुआ मोइत्रा ने याचिका में कहा है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई (Nishikant Dubey and Dehadrai) ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है।