नई दिल्ली: मेडेन फार्मास्युटिकल्स की (Maiden Pharmaceuticals) सोनीपत इकाई में खामियां मिलने के बाद विवादित कफ सिरप के उत्पादन पर तुरंत रोक लगा दी गई है।
अफ्रीकी देश गांबिया में (African country Gambia) 66 बच्चों की मौत के बाद जांच कराई गई थी। वहीं, केंद्र सरकार ने भी रिपोर्ट और तथ्यों की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बना दी है।
दवा निर्माण को तत्काल रोका जाए
एक सप्ताह में जवाब मांगाहरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) अनिल विज ने बुधवार को बताया, सरकार ने दवा कंपनी से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
ऐसा न करने पर लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता (License May Be Suspended or Revoked) है। विज ने कहा, हमने आदेश दिया है कि इकाई में सभी तरह के दवा निर्माण को तत्काल रोका जाए।
प्रोपलीन ग्लाइकोल का गुणवत्ता जांच नहीं किया
WHO के अलर्ट के बाद कंपनी द्वारा निर्मित खांसी के चार सिरप के नमूने 6 अक्तूबर को जांच के लिए कोलकाता के केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला भेजा गया था। हरियाणा औषधि नियंत्रक द्वारा(Drug Controller) जारी नोटिस के अनुसार, जांच में पाया गया कि मेडेन ने प्रोपलीन ग्लाइकोल का गुणवत्ता (Propylene Glycol Quality)
जांच नहीं किया।
WHO के अलर्ट पर कंपनी द्वारा निर्मित खांसी के चार सिरप के नमूने 6 अक्तूबर को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे।
क्या हो सकती है कार्रवाई
नोटिस का एक सप्ताह में जवाब नहीं देने पर फार्मा कंपनी का लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है।
ये खामियां सामने आईं
● कच्चे माल यानी प्रोपलीन ग्लाइकोल के (Propylene Glycol) बैच नंबर, निर्माता का नाम और निर्माण की तारीख और एक्सपायरी डेट की ठीक से जानकारी नहीं दी गई
● वैध प्रक्रिया का पालन नहीं किया
● कंपनी उपकरणों और यंत्रों की कार्य पुस्तिका भी देने में नाकाम रही