कोलकाता: पश्चिम बंगाल की चुनावी बिसात पर उम्मीदवारों के उतरने के साथ ही राजनीतिक जंग तेज हो गई है। दूसरे दलों से बड़ी संख्या में आए नेताओं से अपनी ताकत बढ़ाने के बाद भाजपा का पश्चिम बंगाल का चुनाव अभियान अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द सिमटता जा रहा है।
मोदी के चुनाव प्रचार अभियान से पार्टी को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। उन्हें लगता है कि वह इससे बहुमत के जादुई आंकड़े को छू सकती है। हालांकि, ममता बनर्जी की जमीनी पकड़ को लेकर उसकी चिंताएं बरकरार हैं।
पश्चिम बंगाल के चुनाव भाजपा के लिए उसकी भावी रणनीति को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि वह इन चुनावों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
देशभर के पार्टी के प्रमुख नेताओं की एक बड़ी फौज चुनाव प्रचार मैदान में उतरने जा रही है, जो राज्य की सभी 294 विधानसभा सीटों पर प्रचार करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी लगभग डेढ़ दर्जन सभाएं कराने की तैयारी है, जबकि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा लगभग 100 सभाएं कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी जैसे नेताओं की भी दर्जनों सभाओं की तैयारी की जा रही है।
आठ चरण में मतदान होने से भाजपा को अपने अलग-अलग नेताओं को सामाजिक, राजनीतिक और भौगोलिक समीकरण के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में प्रचार मैदान में उतारने की सहूलियत मिली है।
पार्टी हर चरण के लिए अपने स्टार प्रचारकों की अलग-अलग सूची जारी करेगी, जिसमें लगभग एक दर्जन स्टार प्रचारक तो सभी चरणों में प्रचार करेंगे, लेकिन बाकी प्रचारक हर चरण के साथ बदलते रहेंगे।
इस सबमें सबसे अहम भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही रहेगी। वह चुनावी पोस्टरों में तो उनका चेहरा रहेगा ही, साथ ही सारी सभाओं में उनकी थीम को पार्टी के बाकी नेता लेकर आगे बढ़ेंगे।