रांची: मकर संक्रांति गुरुवार, 14 जनवरी को पूरे देश में मनाई जाएगी। इसी दिन पोंगल, बिहू और उत्तरायण पर्व भी मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाए जाने की वजह यह है कि इस साल ग्रहों के राजा सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 जनवरी को हो रहा है।
गुरुवार को संक्रांति होने की वजह से यह नंदा और नक्षत्रानुसार महोदरी संक्रांति मानी जाएगी, जो ब्राह्मणों, शिक्षकों, लेखकों, छात्रों के लिए लाभप्रद और शुभ रहेगी।
शास्त्रों का मत है कि संक्रांति के 6 घंटे 24 मिनट पहले से पुण्य काल का आरंभ हो जाता है इसलिए इस वर्ष ब्रह्म मुहूर्त से संक्रांति का स्नान दान पुण्य किया जा सकेगा।
दिन दोपहर 2 बजकर 38 मिनट तक का समय संक्रांति से संबंधित धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम रहेगा।
वैसे पूरे दिन भी स्नान, दान किया जा सकता है।
मकर संक्रांति पर तिथियों को लेकर बीते कुछ वर्षों में उलझन की स्थिति बनी हुई रहती है क्योंकि कई बार सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी को शाम और रात में होता है।
ऐसे में शास्त्रों के अनुसार संक्रांति अगले दिन मानाई जाती है।
इस साल अच्छी बात यह है कि मकर संक्रांति पर सूर्य का आगमन 14 तारीख को सुबह में ही हो रहा है इसलिए मकर संक्रांति गुरुवार 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी।