नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि विधानसभा चुनाव 8 चरणों में होंगे। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और लेफ्ट ने इस पर सवाल उठाया है।
पर अतीत में ऐसा हुआ है कि ज्यादा सीटों वाले राज्यों में एक चरण में और कम सीटें होने पर भी कई चरणों में चुनाव हुए हैं। इसके पीछे कई कारण होते हैं।
लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कई चरण में चुनाव होने से पार्टियां तुरंत रणनीति बदलकर फायदा उठा सकती हैं।
चुनाव आयोग के ऐलान के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के कहे अनुसार आठ चरणों में चुनावों की व्यवस्था की है। लेफ्ट ने भी इसी तर्ज पर इसका विरोध किया है।
लेकिन हैरानी की बात है ममता बनर्जी और लेफ्ट ने साल 2011 में विधानसभा चुनावों को छह चरणों में कराने का स्वागत किया था।
इन कारकों पर निर्भर होते हैं वोटिंग शेड्यूल
साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों और हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक दिन में मतदान करवाया गया था। वहीं झारखंड की महज 81 सीटों पर 5 चरणों में चुनाव हुए थे।
मतदान कितने चरणों में हो इसके पीछे कानून-व्यवस्था और वोटरों की सहूलियत अहम कारण होते हैं।
साल 2011 में ममता ने किया था स्वागत
खुद 2011 के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी ने 6 फेज के चुनावों का स्वागत करते हुए कहा था, ‘मैं छह चरणों में चुनाव करवाने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करती हूं।
कानून व्यवस्था, राज्य प्रायोजित आतंकवाद जैसे कारकों को देखते हुए ऐसा किया गया है।’ स्टेट लेफ्ट फ्रंट कमिटी का भी कुछ ऐसा ही मानना था।
सूझबूझ दिखाएं तो कई चरण हैं फायदेमंद
लेकिन यह भी सच है कि कई फेज में चुनाव कराने पर कुछ दल इसका लाभ उठा ले जाते हैं।
बीजेपी के एक नेता का मानना है कि इससे राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति को संवारने, सुधारने और संशोधन करने का मौका मिल जाता है।
कई बार पब्लिक का मूड बदल जाता है इसे भांपकर राजनीतिक दल अपनी चुनावी गणित में सुधार कर लेते हैं।
कभी-कभी पार्टी के भीतर उपजे असंतोष की झलक मिलते ही डैमेज कंट्रोल के कदम फौरन उठाए जा सकते हैं।
यह है पूरा चुनाव शेड्यूल
पश्चिम बंगाल में इस बार विधानसभा चुनाव 8 चरणों में होंगे। पहले चरण की अधिसूचना 2 मार्च को जारी होगी, पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को मतदान होगा।
राज्य में वोटों की गिनती 2 मई को होगी। 2016 में राज्य में 77,414 पोलिंग बूथ थे।
इस साल पोलिंग बूथों में 31.65% की बढ़ोतरी हुई है और इस बार 1,01,916 पोलिंग बूथों पर वोट पड़ेंगे।