Manipur Violence: लगभग डेढ़ साल से मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) की आग में जल रहा है। स्थिति बीच में थोड़ी ठीक होती है, फिर बिगड़ जाती है।
पिछले शनिवार को स्थिति बिगड़ी तो आज तक बिगड़ती ही चली गई। अब तो वहां की भाजपा सरकार अल्पमत में आई हुई दिखाई पड़ रही है।
10 आदिवासी विधायकों ने भी बनाई दूरी
मीडिया रिपोर्ट से मिल रही जानकारी के अनुसार, सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (Biren Singh) ने NDA की बैठक बुलाई थी।
हालांकि 45 में से मात्र 27 विधायक ही इस बैठक में पहुंचे। एक विधायक ने बैठक को वर्चुअली ज्वॉइन किया।
इस बैठक में मणिपुर में फिर से बढ़ रही हिंसा को लेकर बातचीत होनी थी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक बैठक से अनुपस्थित विधायकों में से छह ने मेडिकल कारणों का हवाला दिया है।
वहीं, 11 विधायकों, जिनमें से एक मंत्री भी शामिल हैं, ने कोई भी वजह नहीं बताई है। 10 आदिवासी विधायकों (Tribal Legislators) ने भी इस अहम बैठक से दूरी बनाए रखी। इसमें सात भाजपा के और तीन निर्दलीय विधायक हैं।
NPP के 7 विधायक सरकार से ले चुके हैं समर्थन वापस
मुख्यमंत्री सचिवालय में तीन घंटे तक चली यह बैठक कोनराड संगमा की पार्टी द्वारा भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने बाद बुलाई गई थी।
60 विधायकों वाली विधानसभा में कोनराड संगमा की NPP के पास सात विधायक हैं। NPP का कहना है कि बीरेन सिंह सरकार क्षेत्र के संकट को हल करने और शांति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम रही है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक समर्थन वापस लेने के बावजूद करीब चार NPP विधायक इस बैठक में शामिल हुए।