नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने चुनाव आयोग से मणिपुर में जारी पहले चरण का मतदान में मतदाताओं की शिकायत दूर करने और कई मतदान केन्द्रों पर सामने आ रही गड़बड़ी की उचित जांच करने की मांग की है।
जयराम रमेश ने सोमवार को एक वीडियो साझा करते हुए कहा, चुराचांदपुर के रहने वाले एक युवा डेनिस ललिंजुओल आज अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पर गए, तो पता चला कि उनका वोट पहले ही डाला जा चुका है!
यह कदाचार की अकेली घटना नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग और मणिपुर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से सम्बंध में जांच करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं। पथराव और फायरिंग की घटना केईराओ विधानसभा क्षेत्र में हुई।
केईराओ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग को सीसीटीवी कैमरे से जानकारी मिली कि पोलिंग स्टेशन पर वोटर्स को कैश बांटा जा रहा था, हालांकि इसके बाद चुनाव आयोग ने वीडियो में दिख रहे शख्स को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।
जबकि न्यू केइथलमानबी विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के भिड़ंत के कारण कुछ देर तक वोटिंग ठप रही।
वहीं सिंघट विधानसभा क्षेत्र में भी हिंसा की घटना दर्ज की गई, जहां पर बीजेपी और केपीए के कार्यकर्ता मॉक पोल टेस्ट के दौरान आपस में भिड़ गए।
इस दौरान एक ईवीएम का कंट्रोल यूनिट भी क्षतिग्रस्त हुआ। रिटनिर्ंग ऑफिसर को तुरंत बैकअप ईवीएम लाना पड़ा।
गौरतलब है कि मणिपुर के पहले चरण का मतदान जारी है। पहले चरण में कुल 38 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं।
उनमें से 29 पर्वतीय क्षेत्र की सीटें हैं। ये 29 विधानसभा सीटें इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिले की है। अन्य नौ विधानसभा सीटें चूड़ाचंदपुर, कांगपोकपी और फेरजॉल जिले की हैं।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 173 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनमें 15 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के साथी थोंगम बिस्वजीत सिंह, विधानसभा के स्पीकर वाई खेमचंद सिंह, डिप्टी सीएम युमनाम जोयकुमार के साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एन लोकेश सिंह की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है।