इंफाल: भाजपा शासित मणिपुर हिंसा की घटनाओं के बीच सोमवार को 60 में से 38 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के मतदान के लिए तैयार है। राज्य के मतदाता 15 महिलाओं सहित 173 उम्मीदवारों का भाग्य तय करेंगे।
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि सभी 38 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है, जबकि 9,895 मतदानकर्मी अपने निर्धारित 1,721 मतदान केंद्रों पर पहुंच चुके हैं।
कोविड-सुरक्षित चुनाव कराने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनाए गए मतदान केंद्रों का अनिवार्य रूप से सैनिटाइजेशन किया गया है। मतदान के दौरान मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग सहित अन्य उपायों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
पहले चरण में 6,29,276 महिला मतदाताओं सहित 12,22,713 मतदाता 15 महिलाओं सहित 173 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
पूर्वोत्तर राज्य में पिछले कुछ दिनों में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और एक उम्मीदवार और उनके पिता सहित कई लोग घायल हो गए।
चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा में उनके समकक्ष बिप्लब कुमार देब, राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) प्रमुख कोनराड के. संगमा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने हिस्सा लिया और अपने-अपने पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते देखे गए।
प्रचार अभियान में विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्य मुद्दे थे- विकास, उग्रवाद, नशीली दवाओं का अवैध व्यापार, सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 (अफ्सपा) निरस्त करना, महिला सशक्तिकरण, बढ़ती बेरोजगारी और भ्रष्टाचार।
सोमवार को होने वाले मतदान में मुख्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी एन.बीरेन सिंह, उनके कैबिनेट सहयोगी थोंगम विश्वजीत सिंह, एनपीपी प्रत्याशी व उपमुख्यमंत्री युमनाम जॉयकुमार सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता थोकचोम सत्यब्रत सिंह, कांग्रेस के रतनकुमार सिंह, लोकेश्वर सिंह, शरतचंद्र सिंह और मौजूदा पार्टी विधायक अकोइजम मीराबाई देवी की किस्मत दांव पर है।
फायरब्रांड महिला नेता और जनता दल (युनाइटेड) की उम्मीदवार थौनाओजम बृंदा भी यास्कुल निर्वाचन क्षेत्र से पहले चरण में चुनाव लड़ रही हैं। वह पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) थीं।
भाजपा ने 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में 60 सदस्यीय विधानसभा में 21 सीटें हासिल की थीं और पहली बार सत्ता हथियाई थी। भाजपा ने एनपीपी व नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार-चार विधायकों, तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन से गठबंधन सरकार बनाई थी। हालांकि, इस बार भाजपा, एनपीपी और एनपीएफ अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं।
मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार की प्रमुख पार्टी एनपीपी, 2017 से पूर्वोत्तर राज्यों (मेघालय और मणिपुर) दोनों में भाजपा की सहयोगी रही है। उसने 38 उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि भाजपा मणिपुर की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस, जिसने लगातार 15 वर्षो (2002-2017) तक राज्य पर शासन किया और 2017 के चुनाव में 28 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, इस बार चार वामपंथी दलों और जनता दल-सेक्युलर के साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन किया है, जिसे मणिपुर प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष गठबंधन (एमपीएसए) नाम दिया है। दूसरे चरण में 22 सीटों पर मतदान 5 मार्च को होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।