इंफाल: Manipur में 3 मई को भड़की हिंसा (Violence) के बाद जानमाल (Lives) का काफी नुकसान हुआ है। मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने सोमवार को जानकारी दी है कि हिंसा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
CM ने माना कि अब भी 10 हजार लोग फंसे हुए हैं। इसके साथ ही बीरेन सिंह (Biren Singh) ने कहा कि पहले दिन से पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) नजर बनाए हुए हैं। मणिपुर के CM ने हिंसा की चपेट में आए परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।
हिंसा में 231 लोग जख्मी हुए
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर पहली बार बात करते हुए CM एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने राजधानी इंफाल में मीडिया से कहा, “3 मई को दुर्भाग्यपूर्ण घटना (Unfortunate Incident) में 60 निर्दोष लोगों ने जान गंवाई।
इस हिंसा में 231 लोग जख्मी हुए हैं। 1700 घरों को उपद्रवियों ने जला दिया। मैं राज्य के लोगों से शांति और सौहार्द की अपील करता हूं। जो लोग फंसे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “अब तक 20000 फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका है। करीब 10000 लोग अब भी फंसे हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah घटना के दिन से लेकर आज तक स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने केंद्रीय बलों की कई कंपनियां भी भेजी हैं।”
मृतकों के परिवार के लिए 5-5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा: CM
इसके साथ ही CM N Biren Singh ने हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। CM बीरेन सिंह ने कहा, “मृतकों के परिवार के लिए 5-5 लाख रुपये, गंभीर चोट से घायल लोगों के लिए 2-2 लाख और कम गंभीर चोट का शिकार लोगों को 25 हजार रुपये का मुआवजा (Compensation) दिया जाएगा।
इसके साथ ही जिनके घर जले हैं, उन्हें 2-2 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।”
सुप्रीम कोर्ट ने विस्थापित हुए लोगों पर चिंता जाहिर की
इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को मणिपुर हिंसा के चलते विस्थापित हुए लोगों पर चिंता जाहिर की। Supreme Court ने केंद्र सरकार से कहा कि यह मानवीय संकट है।
विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। राहत कैंपों में दवाओं और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों का इंतजाम हो। साथ ही राज्य में धार्मिक स्थलों (Places of Worship) की हिफाजत के लिए भी कदम उठाए जाएं।
अगली सुनवाई 17 मई को होगी
सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर ट्राइबल फोरम (Manipur Tribal Forum) और हिल एरिया कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की हैं। इनमें हिंसा की SIT जांच और मैतेई समुदाय को ST लिस्ट में शामिल किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश का विरोध किया गया है।
चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय और आदिवासियों के बीच हिंसा पर काबू पाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स की 105 टुकड़ियों को तैनात किया गया है।