पटना: बेतिया में आत्मसमर्पण (Surrender) करने के बाद यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) को बिहार पुलिस (Bihar Police) पटना लेकर गई है।
शनिवार की शाम पटना (Patna) आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने मनीष कश्यप से पूछताछ की। यह पूछताछ देर रात तक चली।
इसके बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, यहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है।
तमिलनाडु पुलिस भी कर सकती है पूछताछ
इसी बीच, फर्जी वीडियो मामले (Fake Video Case) की जांच को लेकर तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) की टीम एक बार फिर से पटना आई है।
मनीष कश्यप की रिमांड मिली तो EOU के साथ तमिलनाडु पुलिस भी फर्जी वीडियो मामले में उससे पूछताछ कर सकती है।
दिल्ली और गुड़गांव में कई ठिकानों पर लगातार चल रही थी छापेमारी
EOU के अनुसार, छह टीमें बेतिया, मोतिहारी और पटना जबकि दो टीमें दिल्ली और गुड़गाव (Gurgaon) में उसके ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी।
वह उत्तर प्रदेश के रास्ते पहले पटना पहुंचा था। इसी बीच देर रात उसे कुर्की की भनक लग गई, जिसके बाद वह आनन-फानन में बेतिया की ओर रवाना हुआ।
खेतों से होते हुए थाना पहुंचा मनीष कश्यप
पुलिस की टीम लगातार उसके पीछे लगी थी। इसी बीच चकिया चेकपोस्ट (Chakia Checkpost) के पास उसे इंटरसेप्ट (Intercept) किया गया मगर उसने रास्ता बदलते हुए गाड़ी छोड़ बाइक ले ली और खेतों से होता हुआ थाना पहुंचा।
ना तो मिला कोई मोबाइल और ना ही कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
आत्मसमर्पण के दौरान मनीष कश्यप के पास न तो मोबाइल मिला और न ही कोई इलेक्ट्रानिक (Electronic) उपकरण।
पुलिस के अनुसार, टावर लोकेशन की पकड़ से बचने के लिए वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर रहा था। पुलिस उससे फर्जी वीडियो शेयर करने का उद्देश्य पूछ रही है।
बैंक खातों की हो रही है जांच
इसके अलावा खातों में मोटी राशि के लेन-देन व वित्तीय अनियमितता को लेकर उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, मनीष के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। उस नेटवर्क (Network) से जुड़े लोगों को लेकर भी पूछताछ की जाएगी।