नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति केस (Delhi Excise Policy Case) में राजधानी की एक अदालत (Court) ने सोमवार को CBI वाले मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की न्यायिक हिरासत तीन अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है।
अदालत ने 17 मार्च को इसी मामले में सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत 22 मार्च तक बढ़ा दी थी। CBI द्वारा सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किए जाने के बाद ED ने भी उन्हें इसी मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था।
सिसोदिया दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश MK नागपाल ने छह मार्च को सिसोदिया को CBI मामले (CBI Cases) में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया था, जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
अदालत सिसोदिया की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई करेगी
अदालत मंगलवार को सिसोदिया की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई करेगी, इसी मामले में CBI जांच कर रही है।
ED मामले में पिछली सुनवाई के दौरान ED द्वारा अदालत को अवगत कराया गया था कि सिसोदिया की हिरासत के दौरान अहम जानकारियां सामने आई हैं और उन्हें अन्य आरोपी (Accused) व्यक्तियों के साथ आमना-सामना करना पड़ा था।
सिसोदिया के मोबाइल से डेटा का भी फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा
जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि सिसोदिया के E-mail और मोबाइल आदि से भारी मात्रा में डेटा का भी फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है।
सिसोदिया के वकील ने केंद्रीय एजेंसी (Central Agency) की रिमांड याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अपराध की आय के बारे में एजेंसी की ओर से कोई कानाफूसी नहीं है, जो मामले के लिए मौलिक है।
उनके वकील (Lawyer) ने आगे तर्क दिया था कि हिरासत को बढ़ाने की मांग करने का कोई औचित्य नहीं है और सिसोदिया को सात दिनों की उनकी पिछली हिरासत के दौरान केवल चार लोगों के साथ आमना-सामना कराया गया था। ED ने कहा था कि उन्हें कार्यप्रणाली, पूरे घोटाले का पता लगाने और कुछ अन्य लोगों के साथ सिसोदिया का सामना करने की जरूरत है।
सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग नेक्सस का हिस्सा: हुसैन
ED के वकील जोहेब हुसैन ने दावा किया कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग नेक्सस का हिस्सा थे। हुसैन ने प्रस्तुत किया था कि नीति यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई थी कि कुछ निजी संस्थाओं को भारी लाभ मिले और दिल्ली (Delhi) में 30 प्रतिशत शराब कारोबार संचालित करने के लिए सबसे बड़े काटेर्लों में से एक बनाया गया था।
हुसैन ने प्रस्तुत किया था कि नीति यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई थी कि कुछ निजी संस्थाओं को भारी लाभ मिले और दिल्ली में 30 प्रतिशत शराब कारोबार संचालित करने के लिए सबसे बड़े कार्टेलों में से एक बनाया गया था।
केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सबूत नष्ट कर दिए
रेस्तरां संघ और सिसोदिया के बीच हुई बैठकों का हवाला देते हुए ED ने आरोप लगाया था कि शराब पीने और अन्य चीजों की कानूनी उम्र को कम करने जैसी आबकारी नीति में रेस्तरां को छूट दी गई थी। केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया था कि सिसोदिया ने सबूत नष्ट कर दिए थे।
एजेंसी ने दावा किया था कि एक साल के भीतर उन्होंने 14 फोन नष्ट किए या बदले। ED के वकील ने प्रस्तुत किया था, सिसोदिया ने दूसरों के द्वारा खरीदे गए फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया है ताकि वह इसे बाद में बचाव के रूप में इस्तेमाल कर सकें। यहां तक कि उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया फोन भी उनके नाम पर नहीं है।
ED ने आरोप लगाया कि सिसोदिया शुरू से टालमटोल करते रहे
ED ने आरोप लगाया था कि सिसोदिया शुरू से ही टालमटोल करते रहे हैं। आबकारी नीति बनाने के पीछे साजिश थी।
ED ने अदालत में तर्क दिया था कि साजिश को विजय नायर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर समन्वित किया था और आबकारी नीति थोक विक्रेताओं (Excise Policy Wholesalers) के लिए असाधारण लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी।