पटना: राज्य में जहां एक ओर विपक्ष शराबबंदी कानून को हटाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है वहीं सत्ता पक्ष का भी सूर बदला हुआ है।
बिहार एनडीए में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन मामले में जेल में बंद लोगों के परिवारों के बच्चों की भूख की दुहाई देते हुए रिहाई की मांग की है।
इससे पहले भी मांझी जब महागठबंधन में शामिल थे तब कहा था कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए।
गुरुवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए बधाई दी।
साथ ही अनुरोध किया कि वैसे गरीब जो इस कानून के तहत छोटी गलती के लिए तीन महीने से जेल में बंद हैं, उनकी जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। परिवार के मुखिया के जेल में होने के कारण उनके बच्चे भूखे हैं।
उल्लेखीय है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर शराबबंदी कानून हटाने की मांग की है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने अपने घोषण पत्र में शराबबंदी कानून को हटाने का वादा किया था।
कोविड के नियमों का पालन करते हुए सरकारी विद्यालयों को खुलवाए सरकार
दूसरे ट्वीट में हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से आग्रह किया है कि जनहित में कोविड के नियमों का पालन करते हुए सरकारी विद्यालयों को खोलने की अनुमति दें, क्योंकि विद्यालय बंद होने से सबसे ज्यादा गरीबों के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।