नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिजिटल लेनदेन से देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता और पारदर्शिता आ रही है तथा इसके कारण भ्रष्टाचार जैसी रुकावटों में बहुत कमी आई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 81वें संस्करण को संबोधित करते हुए नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयासों और महात्मा गांधी की जयंती पर खादी उत्पादों के रिकॉर्ड कारोबार का आह्वान किया।
त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी टीकाकरण के “सुरक्षा चक्र” से बाहर न रहे।
प्रधानमंत्री ने देश में जनधन खातों और डिजिटल लेनदेन का उल्लेख करते हुए कहा कि आर्थिक स्वच्छता में प्रौद्योगिकी बहुत मदद कर सकती है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक स्वच्छता गरीबों को अधिकार सुनिश्चित कर उनका जीवन आसान बनाती है।
उन्होंने कहा कि जनधन खातों की वजह से आज गरीबों को उनके हक का पैसा सीधा, सीधा उनके खाते में जा रहा है जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसे रुकावटों में बहुत बड़ी मात्रा में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि पिछले अगस्त महीने में यूपीआई से 355 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
आज औसत 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल पेमेंट यूपीआई से हो रहा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता, पारदर्शिता आ रही है और हम जानते है अब फिन-टेक का महत्व बहुत बढ़ रहा है।
विश्व नदी दिवस के मौके पर नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को साल में कम से कम एक बार ‘नदी उत्सव’ मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नदियां अपना जल खुद नहीं पती बल्कि परोपकार के लिये देती हैं।
हमारे लिये नदियां कोई भौतिक वस्तु नहीं बल्कि एक जीवंत इकाई है और हम नदियों को मां कहते हैं।
उन्होंने माघ मास में नदी किनारे कल्पवास की लुप्त होती प्रथा का उल्लेख किया।
उन्होंने नदियों के प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि शास्त्रों में नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी गलत बताया गया है।
उन्होंने कहा कि हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का काम सबके प्रयास और सबके सहयोग से कर ही सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘नमामि गंगे मिशन’ भी आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, एक प्रकार से जन-जागृति, जन-आंदोलन, उसकी बहुत बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री को मिले विशेष उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी की जानकारी देते हुए मोदी ने कहा कि ये इलेक्ट्रॉनिक नीलामी उन उपहारों की हो रही है, जो मुझे लोगों द्वारा दिए गये हैं।
इस नीलामी से जो पैसा आएगा वो ‘नमामि गंगे’ अभियान के लिए ही समर्पित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने नदियों को बचाने के लिए तमिलनाडु के वेल्लोर और तिरुवन्नामलाई जिले की महिलाओं की जनभागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि नागानधी बरसों पहले सूख गई थी।
वहां का जलस्तर भी बहुत नीचे चला गया था। लेकिन, वहां की महिलाओं ने नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नहरें खोदी, चेकडैम बनाए, री-चार्ज कुएं बनाएं।
आज वो नदी पानी से भर गई है। उन्होंने बताया कि गुजरात में साबरमती नदी जो कभी सूख गई थी लेकिन अब नर्मदा नदी और साबरमती नदी को जोड़ देने से उसमें पानी आ गया है।
उन्होंने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर खादी उत्पादों के रिकॉर्ड कारोबार का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हम खादी के उत्पाद खरीदें और बापू की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाएं।
स्वच्छता अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये महात्मा गांधी को इस देश की बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है और ये श्रद्धांजलि हमें हर बार देते रहना है।
त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया किया कि कोई भी टीकाकरण के “सुरक्षा चक्र” से बाहर न रहे।
मोदी ने कहा कि त्योहारों का मौसम आ रहा है और जब पूरा देश ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ श्री राम की बुराई पर जीत का जश्न मनाएगा, तो लोगों को कोविड के खिलाफ लड़ाई को भी याद रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, “टीम इंडिया इस मोर्चे पर रोजाना कई रिकॉर्ड बना रही है। टीकाकरण अभियान में कई रिकॉर्ड बनाए गए हैं, जिनकी विश्व स्तर पर चर्चा हो रही है।”
उन्होंने कहा, “हमें न केवल अपनी बारी आने पर टीका लगवाना है, बल्कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई भी सुरक्षा के चक्र से बाहर न रहे।”
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद भी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करना है।
मुझे उम्मीद है कि टीम इंडिया एक बार फिर कोविड-19 महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में अपना परचम लहराएगी।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया था।
आज इतने दशकों बाद, स्वच्छता आंदोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने के साथ जोड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता का अभियान साल-दो साल या फिर एक सरकार-दूसरी सरकार ऐसा विषय नहीं है।
यह पीढ़ी दर पीढ़ी हमें स्वच्छता के संबंध में सजगता से अविरत रूप से बिना थके बिना रुके बड़ी श्रद्धा के साथ जुड़े रहना है और स्वच्छता के अभियान को चलाए रखना है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता महात्मा गांधी को इस देश की बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है और यह श्रद्धांजलि हमें हर बार देते रहना है, लगातार देते रहना है।
देश में आजादी के इतिहास की अनकही गाथाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शुरु किये गये अभियान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 5000 से ज्यादा नवोदित लेखक आजादी के जंग की कथाओं को खोज रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन युवाओं ने इतिहास के पन्नो में जिनके नाम नजर नहीं आते हैं ऐसे अनामी हीरो के जीवन पर लिखने का बीड़ा उठाया है।
देश के युवाओं ने ठान लिया है उन स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को भी देश के सामने लाएंगे जिनकी गत् 75 वर्ष में कोई चर्चा तक नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री ने सियाचिन की दुर्गम चोटी पर जाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले 8 दिव्यांगो के दल की सराहना की।
उन्होंने कहा कि शरीर की चुनौतियों के बावजूद भी इन दिव्यांगों ने जो कारनामा कर दिखाया है वो पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
महेश नेहरा, उत्तराखंड के अक्षत रावत, महाराष्ट्र के पुष्पक गवांडे, हरियाणा के अजय कुमार, लद्दाख के लोब्सांग चोस्पेल, तमिलनाडु के मेजर द्वारकेश, जम्मू-कश्मीर के इरफान अहमद मीर और हिमाचल प्रदेश की चोन्जिन एन्गमो ने सियाचिन ग्लेशियर को फतह किया है।