Manoj Parmar Suicide: मध्यप्रदेश के सीहोर जिस के आष्टा के व्यापारी मनोज परमार (Manoj Parmar) ने ED की छापेमारी के बाद पत्नी समेत आत्महत्या कर ली है।
मनोज ने आत्महत्या (Suicide) करने से पहले छह पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें ED अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सुसाइड नोट में मनोज ने लिखा है- ED अधिकारियों ने उन पर BJP में शामिल होने का दबाव डाला और राहुल गांधी के खिलाफ बयान देने को कहा था।
नोट में यह भी लिखा है कि अधिकारियों ने उनके बच्चों को धमकी दी थी और कांग्रेस से संबंध रखने के लिए उन्हें ताना मारा था। इस घटना से मध्य प्रदेश में राजनीतिक गरमाई हुई है।
कांग्रेस नेता इस पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। ED की छापेमारी से परेशान मनोज परमार ने अपनी पत्नी के साथ 13 दिसंबर को आत्महत्या कर ली है। उन्होंने 6 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर ED के अधिकारियों पर परेशान करने और धमकाने का आरोप लगाया है। यह सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इस घटना ने राजनीतिक में भूचाल ला दिया है। विपक्षी दलों ने इस मामले में ईडी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
मनोज परमार ने सुसाइड नोट में लिखा है। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस समेत 17 लोगों को Suicide Note लिखा था। ED की छापेमारी और उत्पीड़न के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। वे 2017 से दो एफआईआर के सिलसिले में कोर्ट केस लड़ रहे थे। उन्होंने कांग्रेस से अपने परिवार की देखभाल की गुहार लगाई है।
एक मामले आष्टा की सेशन कोर्ट में था, जिसका फैसला फरवरी 2023 में आया था। दूसरा मामला CBI कोर्ट भोपाल में चल रहा है। इसी बीच 5 दिसंबर 2024 को ED ने उनके घर सुबह 5 बजे छापा मारा था।
ED ने 10 लाख रुपए और 70 ग्राम सोना जब्त किया था, लेकिन बाद में पंचनामे में यह दर्ज नहीं किया गया। मनोज ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि ED अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को गालियां दी और मारपीट भी की। उनके बच्चों और पत्नी को एक कमरे में बंद कर दिया गया था।
राहुल गांधी से बच्चों की देखभाल की अपील
मनोज के मुताबिक ED अधिकारियों ने उनके घर में रखी शिव-पार्वती की मूर्ति को तोड़ दिया। उन्हें बीजेपी में शामिल होने और राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनाने के लिए दबाव डाला गया। उनसे जबरदस्ती झूठे बयान और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए। पूरे दिन उन्हें खाना नहीं दिया गया। इस दौरान उन्हें लगातार BJP जॉइन करने के दबाब बनाया जाता रहा।
मनोज ने अपनी बेगुनाही का दावा किया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य निर्दोष हैं, लेकिन ED अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी कि उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा। इस मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से तंग आकर मनोज ने पत्नी समेत आत्महत्या कर ली।
मनोज ने कांग्रेस पार्टी खासकर Rahul Gandhi से अपील की है कि उनके बच्चों की देखभाल की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है, यह संदेश दिया जाए।
इस घटना के बाद से Congress और BJP के बीच राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। ED की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है। यह देखना होगा कि आगे क्या कार्रवाई होती है। यह घटना राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।