कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा के कई सांसद और विधायक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के साथ बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी की इसके लिए काफी फजीहत हो रही है।
मुर्मू के साथ बैठक में पार्टी के 68 विधायकों में से 65 ही मौजूद थे। बैठक में शामिल नहीं होने वाले तीन विधायकों में से दो उत्तर बंगाल से हैं, दार्जिलिंग से नीरज जिम्बा सिंह और कुसेर्ओंग से बिष्णु प्रसाद शर्मा। तीसरे अनुपस्थित विधायक नदिया जिले के राणाघाट (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र से मुकुट मणि अधिकारी हैं।
भाजपा के दो लोकसभा सदस्य दार्जिलिंग (Lok Sabha member Darjeeling) से राजू सिंह बिस्टा और बांकुरा से सुभाष सरकार भी बैठक में शामिल नहीं हुए। सरकार केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के 70 एमएलए हैं, जिसमें से राज्य समिति ने 68 विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा था।
भाटपारा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के विधायक पवन सिंह को जानबूझकर बैठक से बाहर रखा गया क्योंकि उनके पिता और बैरकपुर से भाजपा के पूर्व लोकसभा सदस्य अर्जुन सिंह के हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होने के बाद भाजपा नेतृत्व उनके रुख के बारे में स्पष्ट नहीं है।
प्रवक्ता कुणाल घोष ने मजाक उड़ाते हुए कहा…
बालुरघाट से भाजपा विधायक और केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक कुमार लाहिड़ी को बैठक के लिए नहीं बुलाया गया था क्योंकि वह इलाज के लिए राज्य से बाहर हैं।
तीन विधायकों और दो सांसदों के न होने पर प्रदेश भाजपा नेता चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने माना कि उनकी गैर मौजूदगी राज्य नेतृत्व के लिए फजीहत से कम नहीं।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने भाजपा विधायकों (BJP MLAs) ने किसको मतदान किया है।
हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्हें यकीन है कि तृणमूल के कई विधायक राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में NDA उम्मीदवार को वोट देंगे।