हिरोशिमा: Hiroshima of Japan में आयोजित होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन (G-7 summit) में शामिल होने के लिए विश्व के कई नेता यहां पहुंच गये हैं। सम्मेलन के दौरान Ukraine में रूसी हमले के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।
जापानी प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा (Fumio Kishida) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यहां पहुंचने के बाद उनसे मुलाकात की। किशिदा शुक्रवार को इस तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत होने से पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी वार्ता करेंगे।
किशिदा ने बाइडन (Biden) से कहा कि जापान-अमेरिका गठबंधन ”हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का आधार है।”
बाइडन ने कहा, ”जब हमारे देश एक साथ खड़े होते हैं तो हम और मजबूत होते हैं और मेरा मानना है कि जब हम ऐसा करते हैं तो पूरी दुनिया सुरक्षित होती है।”
सुलीवन ने कहा…
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन (Jake Sullivan) ने कहा कि रूसी हमले का मुद्दा अहम है और इस पर शिखर सम्मेलन में बातचीत प्रमुखता से होगी।
उन्होंने पत्रकारों से कहा,” इसमें युद्धक्षेत्र (Battle Field) के बारे में बातचीत होगी।” साथ ही उन्होंने जोर दिया कि G7 नेता प्रतिबंधों में किसी भी प्रकार की खामी को समाप्त करने की दिशा में काम करेंगे ताकि प्रतिबंधों का ज्यादा से ज्यादा प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।
सम्मेलन के मद्देनजर हिरोशिमा (Hiroshima) में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पूरे शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक बृहस्पतिवार को जापान पहुंचे
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय (British Prime Minister’s Office) ने बताया कि बृहस्पतिवार को द्विपक्षीय बैठक के दौरान, सुनक और किशिदा रक्षा, व्यापार, निवेश, तकनीकी और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
G-7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है।
कई अन्य देशों को भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया अतिथि देशों के रूप में सम्मेलन में भाग लेंगे।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) के ऑनलाइन तरीके से इसमें शामिल होने की उम्मीद है।