नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि भारत में 122 वर्ष में मार्च सबसे गर्म रहा और इस महीने में देश में भीषण गर्मी महसूस की गयी।
मौसम विभाग ने इस असामान्य गर्मी के लिए उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण भारत में किसी भी व्यापक तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
पूरे देश में 8.9 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई, जो कि इसकी लंबी अवधि की औसत वर्षा 30.4 मिमी से 71 प्रतिशत कम थी। वर्ष 1909 में 7.2 मिमी और 1908 में 8.7 मिमी के बाद 1901 से मार्च में तीसरी बार सबसे कम वर्षा हुई।
आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे देश में, मार्च 2022 में दर्ज किया गया औसत अधिकतम तापमान (33.10 डिग्री सेल्सियस) पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक है।’’
मार्च 2010 में देश का अधिकतम तापमान 33.09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग ने कहा कि मार्च में देश का औसत तापमान 26.67 डिग्री सेल्सियस मार्च 2010 में दर्ज 26.671 डिग्री सेल्सियस के बाद दूसरा सबसे अधिक तापमान है।
देशभर में इस साल मार्च में औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस था, जो 1953 में 20.26 डिग्री सेल्सियस और 2010 में 20.25 डिग्री सेल्सियस के बाद 122 वर्षों में तीसरा सबसे अधिक तापमान था।
उत्तर-पश्चिम भारत में, औसत अधिकतम तापमान (30.73 डिग्री सेल्सियस) पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक है। मार्च 2004 में औसत अधिकतम तापमान 30.67 डिग्री सेल्सियस देखा गया था।