वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 21 अप्रैल को मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ अपनी पत्नी के साथ आयेंगे। इस सम्बंध में विदेश मंत्रालय का निर्देश प्रशासन को मिल चुका है।
लगभग तीन साल बाद काशी आ रहे मॉरीशस के प्रधानमंत्री के भव्य स्वागत के लिए प्रशासनिक तैयारी रविवार से शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री आठ दिवसीय भारत यात्रा पर मुम्बई पहुंच चुके हैं।
मेहमान प्रधानमंत्री वाराणसी में दो दिन प्रवास करेंगे। उनके स्वागत और अगवानी के लिए प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं काशी में मौजूद रहेंगे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री वाराणसी में गंगा दर्शन, आरती देखने के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करेंगे।
वाराणसी प्रवास में ही उत्तर प्रदेश से व्यापार सहित अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर मुख्यमंत्री योगी के साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ता भी होगी।
इसको लेकर अफसर तैयारी कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार मॉरीशस के प्रधानमंत्री की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के जीवंत सम्बंध को और मजबूत बनाना है।
वाराणसी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री उनके साथ ही रहे
बताते चले मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ जनवरी 2019 में वाराणसी में आयोजित 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने आये थे।
तब उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का भ्रमण किया था। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जुगनाथ के पूर्वज बलिया के रहने वाले थे।
2018 में मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने बलिया का दौरा भी किया था। काशी सहित पूर्वांचल के जिलों से मॉरीशस की जड़ें काफी गहरी हैं।
भारत और मॉरिशस के बीच का दोस्ताना रिश्ता भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा है। ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के आंदोलन में मॉरिशस भी भारत का सहयोगी रहा। दोनों देश मुक्त व्यापार, ब्लू ओशन इकनॉमी, समुद्री सुरक्षा जैसे अहम मसलों पर साझीदार हैं। भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों और निर्यातकों में से एक है।
1820 के दशक से ही भारतीय श्रमिकों ने गन्ने के खेतों में काम करने के लिए मॉरीशस जाना शुरु कर दिया था। मॉरीशस में भारतीय मूल के करीब 10 हजार लोग रहते हैं।
जनवरी 2017 में 14वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों के लिए विशेष ओसीआई कार्ड की व्यवस्था की गई थी।
मॉरीशस ने अक्टूबर 2004 में भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था की शुरुआत की।
इसके तहत, मॉरीशस में 30 दिनों तक की अवधि के लिए आने वाले भारतीय पर्यटकों को वीजा की आवश्यकता नहीं होती है।
खास बात यह है बीते तीन अप्रैल को ही नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा सपरिवार काशी आये थे। मुख्यमंत्री योगी ने खुद उनकी अगवानी की थी। वाराणसी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री उनके साथ ही रहे।