रांची: रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि गुरुवार को निगम के सभागार में निगम परिषद की बैठक में कुछ पार्षदों ने अमान्य और अभद्र तरीकों से उन एजेंडों को पारित करने का दबाव बनाया, जिन एजेंडों पर निगम परिषद का अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने परिषद की बैठक शुरू होने से पूर्व ही रोक लगा दी थी।
साथ ही कहा कि उन्होंने झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत अध्यक्षीय प्रणाली का पालन किया है।
मेयर ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत निगम परिषद के अध्यक्ष की अनुमति या स्वीकृति के बिना परिषद या स्थाई समिति की बैठक में किसी भी एजेंडा को न तो उपस्थापित किया जा सकता है और न ही संबंधित एजेंडों को पारित करने के लिए अमान्य तरीके से परिषद् के सदस्यों द्वारा किसी प्रकार का दबाव बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि कुछ पार्षद ध्वनि मत से उन एजेंडों को पारित करने की बात कह रहे हैं, जिन पर उन्होंने रोक लगाया था।
परिषद् की बैठक से पूर्व नगर आयुक्त को भी पत्र और फाइल के माध्यम से संबंधित एजेंडों को परिषद की बैठक में उपस्थापित नहीं करने की सूचना दे दी गई थी।
अब रही बात, ध्वनि मत से संबंधित एजेंडों को पारित करने की, तो संबंधित एजेंडों को पारित कराने के लिए परिषद के सदस्यों के बीच किसी प्रकार की वोटिंग नहीं कराई गई।
उन्होंने कहा कि परिषद की बैठक से पूर्व नगर आयुक्त को पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया जा चुका था कि संबंधित एजेंडों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं।
यदि संबंधित विषय जनहित को देखते हुए और नियमानुसार तैयार किए गए हैं तो इन विषयों को अप्रैल माह में निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित करने की स्वीकृति दी जाएगी।
मेयर ने यह भी स्पष्ट किया कि एजेंडों पर परिषद की बैठक शुरू होने से पूर्व एवं बैठक में रोक लगा दी गई थी।
उन विषयों पर परिषद के सदस्यों द्वारा चर्चा किया जाना अमान्य है। उन्होंने बताया कि 27 मार्च को 12 बजे से परिषद की स्थगित बैठक की जाएगी।