नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि समाज को सूचना देना, सामाजिक सौहार्द बनाए रखना और लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना प्रत्येक पत्रकार का धर्म है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय तक बने रहने के लिए धैर्य, परिश्रम और प्रतिभा के साथ-साथ ‘तथ्य’ और ‘सत्य’ का होना बहुत जरूरी है।
मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सत्रारंभ समारोह 2021 के दूसरे दिन के मौके पर आरिफ मोहम्मद खान ने कहाकि मीडिया की आजादी लोकतंत्र का महत्वपूर्ण आयाम है।
इसे संभालकर रखना है, लेकिन यह आजादी जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए हम सभी को जिम्मेदार भी होना है। किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए आदर्श आचार और व्यवहार संहिता ही धर्म है।
बदलते परिवेश में पत्रकारों के सामने कई चुनौतियां हैं। इसलिए पत्रकारों को स्थापित मूल्यों को ध्यान में रखकर निर्भीक तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपके समाचार का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका मूल्यांकन आपको स्वयं करना चाहिए। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को ध्यान में रखकर पत्रकारों को समाज में तथ्य पेश करने चाहिए।
खान ने कहा कि सूचना क्रांति ने पत्रकारिता के क्षेत्र को व्यापक और समृद्ध किया है। मीडिया के विद्यार्थियों को नकारात्मक पत्रकारिता के जाल में फंसने की बजाय, स्वस्थ पत्रकारिता सीखनी चाहिए और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है, उसकी सूचना लोगों तक पहुंचानी चाहिए।
युवाओं के सामर्थ्य से होगा नए भारत का निर्माण : प्रो. संजय द्विवेदी
इससे पहले कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘युवा शक्ति और भारत’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज देश के युवाओं के सामर्थ्य से नए भारत का निर्माण हो रहा है।
एक ऐसा नया भारत, जिसमें युवाओं के लिए अवसर भी हैं और उड़ने के लिए पूरा आसमान भी है। युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति बनाने का व्यापक प्रयास आज देखने को मिल रहा है।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज का भारत युवा शक्ति से भरपूर है। 26 हजार नए स्टार्टअप का खुलना दुनिया के किसी भी देश का सपना हो सकता है। ये सपना आज भारत में सच हुआ है। इसके पीछे भारत के नौजवानों की शक्ति है।
आज देश का युवा नए-नए ऐप्स बना रहा है, ताकि खुद की जिंदगी भी आसान हो जाए और देशवासियों की भी मदद की जाए।
खेती धंधा नहीं, धर्म है : उमेंद्र दत्त
इस अवसर पर खेती विरासत मिशन, पंजाब के कार्यकारी निदेशक उमेंद्र दत्त ने ‘कृषि संस्कृति और भारत’ विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में खेती धंधा नहीं, धर्म है। बदलते समय के साथ आज कृषि बाजार बन गई है।
आधुनिकीकरण के नाम पर खेती में कीटनाशकों का प्रयोग करना शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि खेती का मतलब बाजार नहीं होता। खेती वही, जो भोजन दे और भोजन वही, जो अच्छा स्वास्थ्य दे।
आत्मविश्वास से मिलेगी जीत : सुहास यथिराज
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में पैरालंपिक मैडल विजेता सुहास यथिराज ने अपनी जीत का रहस्य साझा करते हुए कहा कि जब तक आप खुद कोशिश नहीं करेंगे, आपको कोई आगे नहीं ले जा सकता।
संघर्ष के दौरान आपको सफलता और असफलता दोनों मिलेंगी, लेकिन आपको आत्मविश्वास के साथ इन सबका सामना करना है।
उन्होंने कहा कि जिंदगी हमेशा आपको मौका नहीं देती, आपको खुद उसे ढूंढ़ना होता है। जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन आपको कभी भी हार नहीं माननी है।
सूचनाएं पहुंचाना दूरदर्शन का लक्ष्य : मयंक अग्रवाल
इस मौके पर दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने ‘सरकारी सूचना तंत्र’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। मयंक अग्रवाल ने कहा कि आप किसी भी सेवा क्षेत्र में जाएं, ये महत्वपूर्ण होता है कि आप कार्य को किस तरह करते हैं।
इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने कार्य का विश्लेषण करें और रणनीति बनाएं। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन आज अन्य चैनलों से इसलिए अलग है, क्योंकि उसका एजेंडा टीआरपी नहीं, बल्कि लोगों को सूचनाएं पहुंचाना एवं जागरुक करना है।
समारोह के तीसरे दिन दिन बुधवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव प्रो. पंकज मित्तल, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, हरियाणा के कुलपति प्रो. राज नेहरू, भारतीय विज्ञापन मानक परिषद की महासचिव मनीषा कपूर, हिन्दुस्तान टाइम्स के प्रधान संपादक सुकुमार रंगनाथन, जी न्यूज के प्रधान संपादक सुधीर चौधरी, एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) की प्रधान संपादक स्मिता प्रकाश और दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु त्रिपाठी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे।