नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती हिजबुल मुजाहिदीन के गिरफ्तार आतंकवादी नवीद बाबू को जानती थीं और एक बार उससे बात भी की थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह से संबंधित मामले के संबंध में दायर आरोपपत्र में यह दावा किया है।
यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में एनआईए द्वारा जांच किए जा रहे किसी मामले में महबूबा मुफ्ती का नाम आया है।
जांच से जुड़े एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए डीएसपी दविंदर सिंह और हिजबुल आतंकवादी नवीद बाबू से संबंधित मामले में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम सामने आया है।
एनआईए ने गिरफ्तार किए गए पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के युवा विंग के प्रमुख वहीद-उर-रहमान पार्रा सहित तीन लोगों के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया है, जिन्होंने कथित तौर पर इस मामले के सिलसिले में हिजबुल मुजाहिदीन के लिए एक फाइनेंसर के रूप में काम किया था।
अधिकारी ने कहा कि मुफ्ती हिजबुल आतंकी नवीद बाबू को जानती थीं और उससे एक बार बात भी कर चुकी हैं।
हालांकि, अधिकारी ने अधिक जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।
एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में दावा किया है कि पार्रा टेररिस्ट हार्डवेयर की खरीद के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और ट्रांसफर करने के ‘साजिश’ का हिस्सा था और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकवादी से सांठगांठ को बनाए रखने में भी एक महत्वपूर्ण कड़ी था।
पार्रा दक्षिण कश्मीर में पीडीपी के पैठ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, खासकर आतंक प्रभावित पुलवामा जिले में।
पार्रा के अलावा, एनआईए ने मामले के संबंध में दो गन रनर-शाहीन अहमद लोन और तफजुल हुसैन परिमू को भी नामजद किया है। निलंबित पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह वर्तमान में जम्मू संभाग के हीरानगर में कठुआ जेल में बंद हैं।