रांची: झारखंड के हजाराें की संख्या में पारा शिक्षक और होमगार्ड के जवान रांची में धरना पर बैठने के लिए जमा होंगे।
राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक बजट सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा का घेराव करेंगे। विधान सभा के बजट सत्र में अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं और ऐसे में आंदोलन को लेकर फैसला लेना सरकार और प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
विधानसभा के समय ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर हर एक गतिविधि पर नज़र रखी जाती है।
अब ऐसे में अगर हज़ारों की संख्या में लोग रांची में धरना प्रदर्शन को लेकर जमा हुए तो कई तरह की समस्याओं से आम जनता से लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर अफसरों की हिदायत और पुलिस की घेराबंदी का सामना करना पड़ सकता है।
इधर पारा शिक्षक कहते हैं हमें आश्वासन तो दिए ही जा रहे हैं। ये आश्वासन पुराने हैं और हम सभी सालों से इन्हीं आश्वासनों के बीच मारे जा रहे हैं। उनका कहना है की अब जो भी हो हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे और ये आंदोलन होकर रहेगा।
पारा शिक्षक मानते हैं सरकार वादाखिलाफी कर रही है। प्रतिदिन पारा शिक्षकों की मौत गंभीर बीमारी, आर्थिक तंगी एवं दुर्घटना से हो रही है।
नियमावली को लेकर करेंगे आंदोलन
नियमावली तैयार करने को लेकर यह आंदोलन होगा। मोर्चा के राज्य ईकाई के सदस्यों ने कहा कि जिस प्रकार हमारे कार्य में सरकार शिथिलता दिखा रही है, वैसी स्थिति में ये अत्यावश्यक है कि हम आंदोलनात्मक गतिविधियों में जाएं।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अपील पर पारा शिक्षकों ने एक फरवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम को स्थगित किया था, लेकिन अब कार्यक्रम तय कर रहे हैं।
धरनास्थल पर जल्द होगा निर्णय
बता दें की कहीं सुरक्षा कारणों के कारण स्थल पर चिंतन हाे रहा है, ताे दूसरे जगह अच्छे हैं, लेकिन शहर से दूर हैं इसलिए बात आगे नहीं बढ़ रही। लेकिन कोशिश हो रही है की जल्द से जल्द धरनास्थल के लिए किसी दूसरे जगह को चिन्हित कर लिया जायेगा।
पारा शिक्षक और होमगार्ड के जवान चिन्हित जगह पर ही प्रदर्शन करेंगे। जैसे ही जगह को लेकर सहमती बन जाती है वैसे ही आदेश जारी करते हुए हर तरह के होने वाले और चल रहे प्रदर्शन को शिफ्ट कर दिया जायेगा।
इधर झारखंड चैंबर के अध्यक्ष प्रवीण जैन छावड़ा ने कहा धरनास्थल पर जल्द निर्णय हाे इसके लिए हम प्रशासन काे ज्ञापन साैपेंगे।
धरनास्थल का चयन जल्द करने के लिए अब सिविल साेसायटी ने जिला प्रशासन काे ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।
मजदूर यूनियन के अध्यक्ष ललित नारायण ओझा ने कहा कि धरनास्थल किसी दूसरे जगह करने की मांग डीसी से कर रहे हैं।
इसको लेकर जिला प्रशासन ने तय किया है कि बजट सत्र से पहले रांची में राजभवन और बिरसा चाैक के समीप से धरना स्थल हटाया जाएगा। पर स्थान काे लेकर अभी चर्चा चल रही है।
मांगी गई अधिकारियाें की ज्वाइंट रिपाेर्ट
धुर्वा में विधानसभा के नजदीक, रिंग राेड के समीप, नामकाेम और माेरहाबादी ग्राउंड पर मंथन चल रहा है। पर अंतिम निर्णय नहीं हाे पाया है।
उपायुक्त छवि रंजन ने कहा है कि इस पर अधिकारियाें की ज्वाइंट रिपाेर्ट मांगी गई है। रिपाेर्ट देखकर किसी एक स्थान पर सहमति बनाई जाएगी।