लखनऊ: दिन में कम से कम 5 बार पतंगबाजी के चलते लखनऊ में मेट्रो ट्रेन सेवाओं में रुकावट आई।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने एक बयान में कहा है, लखनऊ मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंगबाजी के कारण मेट्रो की संपत्ति को नुकसान हो रहा है और ट्रेन सेवाएं बाधित हो रही हैं। सोमवार को कई बार ट्रेन सेवाओं में रुकावट आई लेकिन उन्हें तुरंत फिर से शुरू किया गया।
मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाने से न केवल ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) के साथ धागे की उलझने के कारण ट्रेन सेवाओं में समस्या आती है, बल्कि यह पतंग उड़ाने वाले के लिए भी घातक साबित हो सकता है। मांझा (धागा) में यदि कोई धातु तत्व है तो इसका 25,000 वोल्ट ओएचई के संपर्क में आना बेहद खतरनाक है।
बयान में आगे कहा गया कि ओएचई ट्रिपिंग के कारण मेट्रो सेवाओं को रोकना पड़ा और जांच में धातु के धागे भी ओएचई से उलझे मिले।
यूपीएमआरसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ऑपरेशनल मेट्रो कॉरिडोर के पास इस प्रकार की घटनाएं बहुत खतरनाक होती हैं क्योंकि इससे ओएचई में बहुत अधिक वोल्टेज होने की वजह से करंट लगने से पतंग उड़ाने वाले को गंभीर चोटें आ सकती हैं या उसकी मौत भी हो सकती है।
जामघाट उत्सव के कारण सोमवार को शहर में पतंगबाजी अपने चरम पर थी। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, चीनी मांझा (तांबे के तार का उपयोग करके तैयार किया गया धागा) का उपयोग निषिद्ध और प्रतिबंधित होने के बाद भी इसका उपयोग हुआ। लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में चीनी मांझा के कारण 2 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
स्थिति पर संज्ञान लेते हुए यूपीएमआरसी ने लखनऊ के लोगों से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और ऑपरेशनल मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग न उड़ाएं। साथ ही दुकानदारों से भी आग्रह किया कि वे खरीदारों से कहें कि वे मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग न उड़ाएं। इसके अलावा यूपीएमआरसी इसे लेकर जागरुकता अभियान भी चला रहा है।