चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण 4 दिनों से हो रही बारिश, किसानों को…

तोरपा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने कहा कि जिन किसानों ने धान की फसलों की कटाई करने के बाद फसलों को जल जमाव वाले खेतों में छोड़ दिया, उन फसलों के बर्बाद होने की काफी आशंका है, जबकि खलिहानों में रखी फसल को काफी कम नुकसान होगा।

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Cyclonic Storm Michaung Khunti: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘Michaung ‘ के कारण खूंटी जिले में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।

लगतार हो रही रिमझिम बारिश के कारण खेत खलिहानों में पड़ी धान, मड़ुवा आदि की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। लगाार बारिश के कारण किसान खेत में तैयार धान, मड़ुवा, उड़द आदि फसलों को न काट पा रहे हैं और न ही खलिहानों में पड़े अनाज को घर ले जा पा रहे हैं।

कर्रा प्रखंड के जागरूक किसान साकेत कुमार शर्मा कहते हैं कि इस बारिश ने किसानों को काफी क्षति पहुंचाई है। तैयार फसलों को बर्बाद होता देख किसान खून के आंसू रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि धान-मड़ुव जैसी खरीफ फसलों के साथ ही इस बारिश से गेहू, जौ, चना, सरसों जैसी रबी फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है।

जलजमाव से फसल को नुकसान

तोरपा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने कहा कि जिन किसानों ने धान की फसलों की कटाई करने के बाद फसलों को जल जमाव वाले खेतों में छोड़ दिया, उन फसलों के बर्बाद होने की काफी आशंका है, जबकि खलिहानों में रखी फसल को काफी कम नुकसान होगा।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों में खूंटी जिले में 34 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि आठ दिसंबर से मौसम साफ होने लगेगा और नौ दिसंबर से धूप भी खिल जायेगी।

कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के उप निदेशक अमरेश कुमार ने कहा कि मिचौंग तूफान से फसलों को जितनी हानि होनी थी, हो गई। हालांकि सब्जली की फसलों के लिए यह बारिश काफी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि बारिश खत्म हो जाने के बाद जब आसमान साफ होगा, तब ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है और रबी की फसल खासकर कर आलू की फसल को पाला मारने की संभावना है। इसके लिए किसानों को तैयार रहना होगा।

गत सोमवार से हो रही लगातार बारिश के कारण जिला मुख्यालय सहित कस्बाई इलाकों के गली-मुहल्लों में कीचड़ और गंदगी का जमाव हो गया है। लोगों को पैदल पांव चलने में काफी परेशानी हो रही। लगातार बारिश का असर रोज कमाने-खाने वाले लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है। भवन, सड़क और पुल-पुलियों के निर्माण में लगे मजूदरों को काम तीन दिनों से काम नहीं मिल पा रहा है। बारिश का असर Auto Rickshaw चलाने वालों के अलावा अन्य मजूदरों पर भी पड़ा है।