नई दिल्ली: वैश्विक मंदी (Global Recession) से डरी दुनियाभर की प्रौद्योगिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही हैं। ट्विटर (Twitter), अमेजन (Amazon), मेटा और OLA के बाद दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) भी इस साल अपने 10 हजार कर्मचारियों को बाहर करेगी।
कंपनी के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सत्या नडेला (Satya Nadella) ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखे पत्र में इसकी पुष्टि की है।
निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सूचना दे दी गई: नडेला
CEO नडेला ने कर्मचारियों के लिए लिखे ब्लॉगपोस्ट (Blog Post) में कहा है कि कंपनी की आर्थिक परिस्थिति और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी लंबी अवधि के लक्ष्यों पर केंद्रित कदम (Focused Step) उठा रही है। नडेला ने कहा कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सूचना दे दी गई है।
इसमें से कुछ को तत्काल प्रभाव (Immediate Effect) से हटा दिया गया है। इससे कंपनी को करीब 1.2 अरब डॉलर की बचत होगी।
छंटनी की शुरुआत इंजीनियरिंग विभाग से
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी (Software Company) में छंटनी की शुरुआत इंजीनियरिंग विभाग (Engineering Department) से होने वाली है। इससे पहले कंपनी जुलाई में भी अपने 1,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी है।
दरअसल, 30 जून, 2022 तक Microsoft में कुल 2 लाख 21 हजार पूर्णकालिक कर्मचारी थे।
इनमें से 1 लाख 22 हजार कर्मचारी संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में कार्यरत थे, जबकि 99 हजार कर्मचारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे थे।
कंपनियों ने बिगड़ते वैश्विक आर्थिक हालात के मद्देनजर छंटनी की
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ट्विटर, Amazon और मेटा सहित कई टेक कंपनियों ने धीमी मांग और बिगड़ते वैश्विक आर्थिक हालात के मद्देनजर छंटनी की हैं।
अमेजन समेत अन्य कंपनियां जनवरी के पहले छह दिनों में 30,611 लोगों को निकाल चुकी हैं। शेयरचैट (Share Chat) ने भी 20 फीसदी छंटनी की घोषणा की है।
वहीं, देश की चार सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस और HCL टेक में भर्तियों में 97 फीसदी की गिरावट आई है।