धर्मशाला: कोरेाना वायरस के बीच अब कांगड़ा जिला में बर्ड फलू ने भी दस्तक दे दी है। कांगड़ा के पौंग झील क्षेत्र में सात समंदर पार से यहां पंहुचने वाले प्रवासी परिंदों की अचानक हुई मौत के पीछे की बजह बर्ड फलू ही रही है।
इसकी पुष्टि भोपाल की लैब में जांच के बाद आई रिपोर्ट में हुई है।
उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि भोपाल की लैब में की गई जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पक्षियों की मौत बर्ड फलू की बजह से ही हुई है।
हालांकि अब यह जांच का विषय है इन पक्षियों में बर्ड फलू वायरस कहाँ से आया।
बाहरी देशों से आने वाले पक्षी इस वायरस के साथ यहां पंहुचे हैं या फिर कहीं और से यह वायरस यहां पंहुचा है।
गौरतलब है कि प्रवासी पक्षियों अचानक बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया था।
मृतक पक्षियों के लिए गए सैंपल पालमपुर सहित जालधंर और भोपाल की लैब में भेजे गए थे।
पालमपुर और जालधंर से आई रिपोर्ट में फलू ही सामने आया था।
हालांकि भोपाल लैब की रिपोर्ट के बाद ही बर्ड फलू की पुष्टि होनी थी जोकि रिपोर्ट आने के बाद अब हो चुकी है।
उधर सोमवार दिन में उपायुक्त कांगड़ा ने पौंग झील के तहत चार उपमंडलों देहरा, फतेहपुर, इंदौरा और ज्वाली में पॉल्ट्री फार्म में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है।
वहीं इन क्षेत्रों में मुर्गा व अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी है। संबंधित दुकानें आज से आगामी आदेश तक बंद रहेंगी।
ये चारों उपमंडल पौंग बांध से सटे हुए हैं। ऐसे में प्रशासन ने यहां अलर्ट जारी किया है।
पौंग बांध का एक किलोमीटर क्षेत्र अलर्ट जोन बनाया गया है, इसके अलावा नौ किलोमीटर तक क्षेत्र सर्विलांस जोन बनाया गया है। पौंग बांध क्षेत्र में आवाजाही पर प्रशासन ने तीन दिन पहले ही रोक लगा दी थी।
गौरतलब है कि बीते 29 और 30 दिसम्बर को पौंग झील के किनारे प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या में अचानक मौत के बाद वन्य प्राणी विभाग सहित जिला प्रशासन के कान खड़े हो गए थे।