रांची: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी ) का 21वां प्रान्त अधिवेशन का उद्घाटन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे।
आयोजन 16 और 17 जनवरी को धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में होगा।
प्रधान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि पद्मश्री अशोक भगत होंगे।
इस अधिवेशन में सम्पूर्ण झारखण्ड प्रान्त के सभी शैक्षणिक संस्थानों के कार्यकर्ता, छात्र, छात्र एवं प्राध्यापक सम्मलित होंगे।
यह जानकारी गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 21वां प्रान्त अधिवेशन के आयोजन समिति के अध्यक्ष कुणाल आजमानी, मंत्री रमेश पुष्कर, व्यवस्था प्रमुख मोनू शुक्ल, सह व्यवस्था प्रमुख विशाल सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि यह अधिवेशन कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जाएगा।
इसके लिए जिला प्रशासन और विद्यालय प्रशासन की अनुमति ले ली गई है।
उल्लेखनीय है कि 20 साल पूर्व जब झारखण्ड राज्य अलग हुआ था तब एबीवीपी का पहला प्रान्त अधिवेशन रांची के जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में संम्पन हुआ था ।
उसके 20 वर्षो के बाद ये अधिवेशन रांची में कोरोना काल में आयोजित हो रहा है।
इस अधिवेशन में ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के नाम पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
इसके उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के देवब्रत पाहन, मनीष कुमार उपस्थित रहेंगे।
कुणाल आजमानी ने कहा कि अधिवेशन में झारखण्ड की कला संस्कृति और झारखण्ड की विशेषताओ व वर्तमान परिदृश्य के सन्दर्भ में एक बहुत ही आकर्षक प्रदर्शनी का अवलोकन करने का अवसर सभी नवजवानों को मिलेगा।
उन्होंने कहा की इस अधिवेशन में ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के नाम से एक प्रदर्शनी का निर्माण किया जा रहा है।
जो युवाओ के लिए पद प्रदर्शक साबित होगा। उन्होंने कहा की इस अधिवेशन में तीन प्रस्ताव लाया जाएगा।
(1) राज्य की वर्तमान शैक्षणिक दुराव्स्ता को ठीक करने के लिए सजग हो। झारखण्ड सरकार।
(2) राज्य की वर्तमान परिदृश्य|
(3) महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो|
इस अधिवेशन में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियावयन के लिए पहल पर भाषण होगा।
इसी दौरान आगामी 2020 – 2021 की परिषद की नई कार्यकारणी की घोषणा भी होगी।
अधिवेशन की विशेषता का वर्णन करते हुए स्वागत समिति के मंत्री रमेश पुष्कर ने कहा की एबीवीपी का यह अधिवेशन सम्पूर्ण झारखण्ड के छात्रों का संगम है।
जिसमे विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र नेता और प्राध्यापक राज्य के संस्कृति, शिक्षा , सुरक्षा जैसे विभिन्न विषयों के ऊपर में चिंतन और मंथन करेंगे। और इस चिंतन से जो अमृत प्रकट होगा।
वह राज्य के शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा।