रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के मामले में फैसले की घड़ी करीब आ गई है। पारा शिक्षकों को बिहार के तर्ज पर सरकार सुविधा देने जा रही है।
बिहार की तर्ज पर झारखंड में नियोजित होंगे। शिक्षा मंत्री के साथ पारा शिक्षकों की वार्ता में इस बात पर सहमति बनी है। पारा शिक्षकों की आकलन परीक्षा के आधार पर उनका स्थायीकरण होगा।
पारा शिक्षकों को आकलन परीक्षा पास होने के लिए तीन अवसर मिलेगा। वैसे पारा शिक्षक, जो तीन बार में भी पास नहीं होते हैं उन्हें सेवा से हटाया नहीं जाएगा।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मंगलवार को इसे लेकर विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
पारा शिक्षकों को निर्धारित वेतनमान मिलेगा। आकलन परीक्षा 100 अंकों की ली जाएगी। बिहार से नियमावली मंगाकर उसका अध्ययन कर राज्य में भी उसे लागू किया जाएगा।
मामले को लेकर पारा शिक्षकों ने अपनी सहमती दी है की वो बिहार की तरह झारखंड में स्थायीकरण व वेतनमान चाहते है।
लगभग 5 घंटे तक चली इस बैठक के बाद पारा शिक्षक के चेहरे पर ख़ुशी दिखी और उन्होंने सरकार आभार जताते हुए जल्द से जल्द स्थायीकरण व वेतनमान लागू करने की बात कही।
शिक्षा मंत्री ने 10 और 11 अगस्त को इस मामले को लेकर बैठक भी बुलाई है। इस बैठक के बाद 18 अगस्त को पारा शिक्षकों के साथ फिर से बैठक बुलाई गई है।
18 अगस्त को जो बैठक बुलाई गई है वो बैठक फ़ाइनल बैठक बुलाई गई है, जिसमें पारा शिक्षकों के समायोजन, वेतनमान व कल्याण कोष सहित कई अन्य मांगों पर सहमति बन सकती है और उम्मीद है की उसी दिन सरकार इसकी घोषणा भी कर दे।
पारा शिक्षकों के मामले को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बैठक बुलाई थी। इसमें एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा तथा झारखंड प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था।
शिक्षा मंत्री के स्वस्थ होने के बाद उनकी यह पहली बैठक हुई। कोरोना से बचाव को लेकर इस बैठक में भाग लेने वाले पारा शिक्षकों के लिए दोनों डोज का टीका अनिवार्य किया गया था।
ये बैठक लगभग 5 घंटे तक चली और सकारात्मक बातें हुई। हालांकि 16 से आंदोलन स्थगित को लेकर अभी को फैसला नहीं लिया गया है।
पहले से ही तैयार है ड्राफ्ट
बता दें कि पारा शिक्षकों के स्थायीकरण तथा वेतनमान को लेकर नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसपर विधि विभाग में कुछ सवाल उठाए गए थे, जिनका जवाब दिया जाना है।
वहीं, पारा शिक्षकों के कल्याण कोष का भी ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसपर भी आगे होने वाली 10 और 11 बैठक में चर्चा होगी।
पिछले साल सितंबर में ही होनी थी आमसभा
मालूम हो कि कल्याण कोष के गठन को लेकर इसकी आमसभा की बैठक पिछले साल ही सितंबर महीने में होनेवाली थी, लेकिन मंत्री के कोरोना संक्रमित होने से ऐन वक्त पर यह बैठक टल गई थी।
उसके बाद इसकी बैठक नहीं हुई। उधर, मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज लंबे समय तक चेन्नई के अस्पताल में चलता रहा। इस दौरान पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे। लेकिन, मामले में कोई फाइनल डिसीजन नहीं हो पाया।