नयी दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में पारंपरिक दवाओं का वैश्विक केंद्र खोलने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से समझौता किया है।
केंद्र सरकार इस वैश्विक केंद्र में 25 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर की पारंपरिक दवाओं की क्षमता का दोहन करना और पूरी दुनिया के स्वास्थ्य स्तर में बेहतरी लाना है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ ट्रेडॉस एदनम गेब्रेयेसस ने 25 मार्च को इस समझौते पर जेनेवा में हस्ताक्षर किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पारंपरिक दवाओं के वैश्विक केंद्र की स्थापना को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर हो गया है।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार कई पहलों के जरिये स्वास्थ्य उपचारों को सभी के लिये किफायती बनाने में जुटी है। जामनगर में स्थापित होने वाला वैश्विक केंद्र दुनिया को सर्वोत्तम हेल्थकेयर सॉल्यूशन प्रदान करने में मदद करेगा।
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री के पहल और प्रयासों के कारण यह समझौता करने में सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र पूरी दुनिया में पारंपरिक दवाओं की प्रणाली को लाभ पहुंचायेगा।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने भी कहा कि आधुनिक विज्ञान की मदद से पारंपरिक दवाओं की क्षमता के दोहन और निरंतरता तथा समानता के सिद्धांत 21वीं सदी में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये परिवर्तनकारी सिद्ध होंगे।
यह वैश्विक केंद्र नीतियों के लिये और पारंपरिक दवाओं और उसकी प्रैक्टिस के मानक तय करने के लिये साक्ष्य आधार तैयार करेगा।