नई दिल्ली: भारत सरकार देश में कोविड-19 से निपटने और प्रबंधन करने के लिए राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों के साथ समन्वय और सहयोग के साथ काम कर रही है।
कोविड-19 से बचाव, रोकथाम और प्रबंधन के लिए कई रणनीतिक और उपयुक्त कदम उठाए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज इस विषय पर जारी दिशा-निर्देशों (2 जुलाई 2020) के स्थान पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, नैदानिक जांच में चिन्हित हल्के/बिना लक्षण (एसिम्प्टोमेटिक) वाले मरीज़ों को होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है।
कोविड-19 के हल्के/बिना लक्षण वाले मामले
बिना लक्षण वाले कोविड के मामलों में लैबोरेटरी मरीज़ के शरीर में कोरोना वायरस की पुष्टि करती है, लेकिन मरीज़ में कोरोना के लक्षण नहीं होते और कमरे की हवा में मरीज़ का ऑक्सीजन स्तर भी 94प्रतिशत से अधिक होता है।
नैदानिक जांच के आधार पर प्रमाणित कम लक्षण वाले कोविड के मामलों में मरीज़ को ऊपरी श्वसन तंत्रिका संबंधी लक्षण (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट सिम्प्टम) (और/अथवा बुखार) होते हैं, मगर उसे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती और कमरे की हवा में मरीज़ का ऑक्सीजन स्तर भी 94 प्रतिशतसे अधिक होता है।
होम आइसोलेशन के लिए पात्र मरीज़
– इलाज कर रहे चिकित्सा अधिकारी द्वारा मरीज़ को नैदानिक जांच के आधार पर कम लक्षण/बिना लक्षण वाले मरीज़ के तौर पर प्रमाणित किया जाना चाहिए।
– ऐसे सभी मामलों में मरीज़ के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
– मरीज़ की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 24×7 आधार पर उपलब्ध रहना चाहिए।होम आइसोलेशन की अवधि के लिए मरीज़ की देखभाल करने वाले व्यक्ति और अस्पताल के बीच टेलीफोन के माध्यम से नियमित आधार पर संपर्क बने रहना एक अनिवार्य शर्त है।
– 60 वर्ष से अधिक आयु के बुज़ुर्ग मरीज़ों और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, कमजोर फेफड़े/यकृत/गुर्दे की बीमारी, सेरेब्रो-वास्क्युलर आदि बीमारी वाले मरीज़ों को चिकित्सा अधिकारी द्वारा इलाजऔर पर्याप्त जांच के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी।
– कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले (एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले, कैंसर पीड़ित आदि) मरीज़ों को होम आइसोलेशन में नहीं भेजा जाता, और ऐसे मरीज़ों को इलाज कर रहे चिकित्सा अधिकारी द्वारा पर्याप्त जांच के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी।
– मरीज़ की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीबी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल और इलाज कर रहे चिकित्सा अधिकारी के परामर्श के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन प्रोफाइलैक्सिस लेनी चाहिए।