नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट की मांग करते हुए केन्द्र सरकार से संविधान में संशोधन की मांग की है।
आठ फरवरी को विशेष सत्र में स्टालिन ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार के कामकाज में केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप को रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नीट शुरू करने की केंद्र सरकार की पहल संघीय ढांचे के विपरीत है और राज्य सरकारों के अधिकारों को कम कर संवैधानिक संतुलन कायम रखने का उल्लंघन है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु विधानसभा में नीट से छूट को लेकर आठ फरवरी को सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया गया।
यह विधेयक इसलिए लाया गय़ा था कि राज्यपाल आर एन रवि ने सितंबर 2021 में पारित इसी तरह के एक बिल को वापस लौटा दिया था।
अपने 24 पन्नों के भाषण में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 254 (1) द्वारा विधानमंडल को दी गई विधायी शक्ति पर सवाल उठाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच प्रोटोकॉल संबंधों को संशोधित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि नीट से छूट वाले विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के बिना 27 महीने के लिए रोक दिया गया था।
बाद में राज्यपाल ने बिल वापस कर दिया जो विधानसभा के भावनाओं के खिलाफ है। इस तरह के टकराव न हो इसलिए केन्द्र सरकार को इस संबंध में उपाय करने चाहिए।