रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को भाजपा के विधायक अमर कुमार बाउरी रोते हुए सदन से बाहर निकले। वे सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव ठुकराए जाने से आहत थे।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह सदन की कार्यवाही के दौरान कार्यस्थगन प्रस्ताव ठुकराए जाने से आहत हैं। अमर बाउरी ने विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो पर आरोपों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने कहा कि एक दलित विधायक के साथ विधानसभा अध्यक्ष का ऐसा बर्ताव कहीं से भी उचित नहीं है। बाउरी ने रोते हुए कहा कि शायद दलित होने के कारण उनकी उपेक्षा की गई।
अमर बाउरी ने कहा कि वह भी पूर्व मंत्री और कई बार विधायक रहे हैं।
विधानसभाध्यक्ष ने जिस तरह उनके साथ सलूक किया है उससे वे बहुत आहत हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर कानून की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए इसे काला अध्याय बताया।
बाउरी ने कहा कि सुबह से कह रहा था कि मेरा कार्यस्थगन पढ़ा जाय लेकिन विधानसभा अध्यक्ष उसे नजरअंदाज करते रहे।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक समान होता है लेकिन नियमों का उल्लंघन विधानसभा अध्यक्ष करते रहे।
उन्होंने कहा कि जब हमने भोजनवकाश के बाद फिर स्पीकर से कहा तो मुझसे बुरा बर्ताव करते हुए कार्यस्थगन पढने से रोक दिया।
बाउरी सदन में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाह रहे थे। इसके बाद सदन से भाजपा विधायक उठकर बाहर निकल गए।
सदन के बाहर रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह ने इस मामले पर कहा कि जब हम विधानसभा अध्यक्ष थे तब विपक्ष को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका देते थे लेकिन महागठबंधन की सरकार में हमारे दलित विधायक को बोलने नहीं दिया गया, जो सरासर गलत है।