रामगढ़: मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत 22 से 27 फरवरी तक चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को विधायक ममता देवी ने खुद दवा खाकर की।
इस दौरान उन्होंने एक 12 वर्षीय बच्ची को भी दवा खिलाई।
विधायक ने सरकार के इस प्रयास को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वर्षों से चला आ रहा है।
पल्स पोलियो की तरह ही फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम भी काफी महत्वपूर्ण है।
6 दिनों के इस कार्यक्रम में शुरू के 3 दिन बूथ पर जाकर लोग फाइलेरिया रोधी दवाएं खा सकते हैं। इसके उपरांत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाई खिलाई जाएंगी।
इस वर्ष रामगढ़ जिले में कुल 10 लाख 22 हजार 173 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अक्सर देखा जाता है कि लोग दवाई ले तो लेते हैं लेकिन उसे खाते नहीं। इस संबंध में उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों से लोगों को अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाने की अपील की।
मौके पर सिविल सर्जन डॉक्टर साथी घोष ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है। शुरुआत के कुछ सालों में इसका असर पता नहीं चलता।
लेकिन आगे चलकर यह भयानक रूप ले लेता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि रामगढ़ जिले के सभी लोग (2 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर) अनिवार्य रूप से फाइलेरिया रोधी दवाएं लें।
राज्य वीबीडी कंसलटेंट संज्ञा सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भी रामगढ़ जिले में फाइलेरिया संबंधित सर्वे किया गया था।
जिसके उपरांत जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम मनाने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम में सबसे जरूरी है कि सभी लोग स्वयं सामने आकर कार्यक्रम में भाग लें एवं फाइलेरिया रोधी दवाएं लें।
नोडल पदाधिकारी एमडीए प्रोग्राम डॉ एसपी सिंह एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने फाइलेरिया बीमारी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के आखिरी दिन यानी 27 फरवरी को सदर अस्पताल में फाइलेरिया के कारण होने वाली हाइड्रोसील बीमारी का निशुल्क जांच व ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया जाएगा।