Cyclone Mocha : Bay of Bengal के दक्षिण-पूर्व (Southeast) में दबाव के क्षेत्र ने गुरुवार को तेज होकर चक्रवाती तूफान मोचा (Cyclonic Storm Mocha) का रूप ले लिया।
Cyclone Mocha को पिछले छह घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम की ओर जाते हुए देखा गया और ये पूरी तरह से एक Cyclonic storm में बदल गया। इस दौरान चक्रवात की रफ्तार आठ किमी प्रतिघंटा रही।
चक्रवात मोचा (Cyclone Mocha) को देखते हुए पूर्वी भारत के राज्यों को Alert कर दिया गया है। चक्रवाती तूफान को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल में NDRF की टीमें तैनात हैं।
कब टकराएगा चक्रवात मोचा?
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में तैयार हुआ दबाव वाला क्षेत्र चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) बन रहा है। 12 मई की दोपहर तक ये बहुत ही खतरनाक तूफान में तब्दील हो जाएगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि चक्रवात 14 मई की सुबह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार (Cox’s Bazar and Myanmar) के कुकपीयू में टकरा सकता है।
मोचा की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा
तट से टकराने के दौरान मोचा की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने वाली है। हालांकि, पश्चिम बंगाल (West Bengal) पर इसका कितना असर होने वाला है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया।
लेकिन बंगाल सरकार ने अभी से ही तटीय इलाकों में तैयारियां शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन (Local Administration) को कहा गया है कि वह तत्काल जरूरी प्रबंध करे।
पूर्वी मिदनापुर में NDRF की तीन टीमें तैनात
NDRF की तीन टीमें पूर्वी मिदनापुर में तैनात हैं। इन्हें रामनगर 1 ब्लॉक, रामनगर 2 और हल्दिया में तैनात किया गया है। बाकी की दो टीमें को दक्षिण 24 परगना के गोसाबा कुलतली और काकद्वीप (Gosaba Kultali and Kakdwip) में तैनात किया गया है।
एक टीम को उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज और संदेशखली में Alert Mode में है। तूफान को लेकर तैयारियां एकदम पुख्ता हैं। कोस्ट गार्ड टीम को High Alert पर रखा गया है। कोस्ट गार्ड डिजास्टर रिलीफ टीम का गठन किया गया है, जो ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में एक्टिव हो चुकी है।
मछुआरों और जहाजों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के तेज होने की वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) में भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मछुआरों (Fishermen) को कहा गया है कि वे 13 मई तक समुद्र में ना जाएं। चक्रवाती मौसम को ध्यान में रखते हुए जहाजों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह भी दी गई है।