गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शनिवार को राज्य का दौरा करेंगे।
असम में अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। इससे पहले भाजपा ने चुनावी प्रचार को लेकर कमर कस ली है और इसी क्रम में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री राज्य का दौरा करेंगे।
अधिकारियों और भाजपा सूत्रों ने कहा है कि मोदी और शाह का भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य में एक साथ (कॉमन) कार्यक्रम निर्धारित नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम सरकार के एक मेगा कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
मोदी असम के शिवसागरजिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले एक लाख से अधिक भूमिहीन लोगों को भूमि पट्टा आवंटन प्रमाण पत्र वितरित करेंगे।
तैयारियों की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री के सभा स्थल का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री एक लाख से अधिक स्वदेशी लोगों को औपचारिक रूप से लिए भूमि पट्टा का वितरण करेंगे, जो दशकों से अनिश्चित जीवन जी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी जमीनों के कई टुकड़ों का संदिग्ध अवैध बाशिंदों ने अतिक्रमण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ऐसे अवैध अतिक्रमणकारियों से निपटने का काम करेगी और स्वदेशी लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करेगी, जिसमें आदिवासी, पूर्व चाय बागान मजदूर और अन्य पिछड़े समुदाय शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री सोनोवाल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पहले ही एक लाख से अधिक भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा जारी कर दिया है।
अधिकारियों ने कहा कि शाह शनिवार को यहां केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में गुवाहाटी में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सेवा योजना का शुभारंभ करेंगे।
गुवाहाटी में कार्यक्रम में भाग लेने के बाद शाह शिलॉन्ग जाएंगे, जहां वह उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के 69वें पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करेंगे, जो क्षेत्र के आठ राज्यों के सामाजिक-आर्थिक और ढांचागत विकास के लिए नोडल एजेंसी है।
शाह रविवार को फिर से असम आएंगे और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र समझौते की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
वह पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे पश्चिमी असम के कोकराझार में एक सभा को संबोधित करेंगे।
नई दिल्ली में 27 जनवरी, 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में केंद्र सरकार के साथ बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पिछले साल 30 जनवरी को नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार मोचरें के 1,615 कैडरों ने अपने हथियार डाल दिए थे।
अपनी यात्रा के दौरान शाह नालबाड़ी जिले के केंदुकुची में एक चुनावी रैली को भी संबोधित करेंगे।