नई दिल्ली : केंद्र सरकार किसानों को लोकसभा चुनाव व दिवाली (Lok Sabha Elections and Diwali) से पहले MSP में बढ़ोतरी करके बहुत बड़ा तोहफा देने वाली है।
बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार रबी फसलों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) को बढ़ा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो इससे देश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा।
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार गेहूं की MSP में 150 से 175 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि कर सकती है। इससे विशेष रुप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान सबसे अधिक लाभांवित होंगे। बता दें कि देश के इन्हीं राज्यों में सबसे अधिक गेहूं की खेती होती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार अगले साल के लिए गेहूं की एम.एस.पी. में 3 से 10 प्रतिशत के बीच बढ़ौतरी कर सकती है। अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है, तो गेहूं का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।
हालांकि, वर्तमान में गेहूं की MSP . 2125 रुपए प्रति क्विंटल है। इसके अलावा सरकार मसूर दाल की MSP. में भी 10 फीसदी तक की बढ़ौतरी कर सकती है।
वहीं, सरसों और सन फ्लावर की MSP में 5 से 7 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है। उम्मीद है कि आने वाले एक हफ्ते में केंद्र सरकार रबी, दलहन और तिलहन फसलों की MSP बढ़ाने के लिए मंजूरी दे सकती है। खास बात यह है कि MSP में बढ़ौतरी करने का फैसला मार्केटिंग सीजन 2024- 25 के लिए लिया जाएगा।
MSP में 23 फसलों को शामिल किया गया
बात दें कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश पर केंद्र मिनिमम सपोर्ट प्राइस तय करती है। MSP में 23 फसलों को शामिल किया गया है, 7 अनाज, 5 दलहन, 7 तिलहन और 4 नकदी फसलें शामिल हैं।
रबी फसल (Rabi Crops) की बुआई अक्तूबर से दिसम्बर महीने के बीच की जाती है। वहीं, फरवरी से मार्च और अप्रैल महीने के बीच इसकी कटाई होती है।
सरकार, किसानों द्वारा उगाए गए फसल के लिए एक दाम तय करती है, जिसे फसल पूरा होने के बाद जब किसान उस फसल को मंडी में बेचता है तो सरकार द्वारा उस फसल के लिए तय की हुई कीमत किसान को दी जाती है।
एक तरह से MSP सरकार द्वारा किसानों को दिया जाने वाला एक आर्थिक भरोसा है जिससे किसानों को फसल उगाने से पहले उसकी कीमत का अंदाजा हो जाता है कि उसे इस फसल की यह कीमत मिलेगी। MSP का यही सबसे बड़ा फायदा है।