नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से देशभर में लॉकडाउन लगाया जा सकता है? सोशल मीडिया में इसे लेकर सवाल पूछा जा रहा है।
हालांकि केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कोई प्लान नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि देश भर में लॉकडाउन का केंद्र सरकार कोई प्लान नहीं है, लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जरूर कोरोना के संक्रमण को थामने के लिए पाबंदियां बढ़ाने को कहा गया है।
बता दें कि देश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफे के चलते कई राज्यों की सरकारों ने लोगों के मूवमेंट पर पाबंदियां लगाई हैं।
अब तक करीब 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसी बंदिशें लागू की जा चुकी हैं।
इस बीच हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से भी देश के ऐसे जिलों में सख्त लॉकडाउन की सलाह दी जा चुकी है, जहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से अधिक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और कोरोना टास्क फोर्स की ओर से भी इस संबंध में चिंता जताई गई है।
कुंभ मेले से लौटे लोगों के चलते भी कोरोना संक्रमण की बातें कही जा रही हैं।
कहा जा रहा है कि कुंभ मेले से लौटे लोग टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में कोरोना के फैलाव का कारण बन सकते हैं।
देश में कोरोना संक्रमण के 3.62 लाख केस मिले हैं। इनमें से 10 राज्यों में ही 70 फीसदी केस मिले हैं।
इन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, वेस्ट बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं।
देश में बीते करीब 10 दिनों से कोरोना के 3 लाख से ज्यादा नए एक्टिव केस देखने को मिल रहे हैं।
दिल्ली, यूपी, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में अस्पतालों पर भारी दबाव देखने को मिल रहा है।
यहां तक कि श्मशानों और कब्रिस्तानों में भी संकट देखने को मिल रहा है।
देश भर में लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार का मानना है कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार छिन जाएंगे।
खासतौर पर प्रवासी मजदूर इससे प्रभावित होंगे। इसी के चलते केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन पर विचार नहीं किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र और राज्य लॉकडाउन लगाने पर करें विचार
कोरोना की दूसरी लहर रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को वैक्सीन पॉलिसी पर दोबारा विचार के लिए कहा है।
केंद्र अभी खुद 50 फीसदी वैक्सीन खरीदता है, बाकी 50 फीसदी वैक्सीन को निर्माता कंपनी सीधे राज्यों और निजी संस्थानों को बेच सकती है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट ने कहा- कहा कि ये संविधान में दिए गए जनता के जीने के अधिकार, जिसमें स्वास्थ्य का अधिकार जुड़ा है, उसे साफतौर पर नुकसान पहुंचा रहा है। केंद्र और राज्य कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने पर विचार करें।
अदालत कमजोर तबके पर पडऩे वाले लॉकडाउन के सामाजिक-आर्थिक नतीजों से वाकिफ है।
ऐसे में अगर संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया जाता है तो इससे पहले इस तबके की जरूरतों को पूरा करने का ध्यान रखा जाए।