नई दिल्ली: मोदी सरकार व्हॉट्सएप द्वारा हाल में घोषित निजता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है। सूत्रों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
यह समीक्षा उस समय की जा रही है, जबकि व्हॉट्सएप के हालिया विवादास्पद बदलावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
इसके तहत व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं के डेटा को फेसबुक के अन्य उत्पादों और सेवाओं से जोड़ा गया है।
सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच के हालिया कदम के प्रभाव पर विचार-विमर्श चल रहा है।
दरअसल कारोबार जगत के कई दिग्गजों सहित बड़ी संख्या में प्रयोगकर्ताओं ने इस कदम को लेकर चिंता जाहिर की है।
भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।
भारत वैश्विक स्तर पर व्हॉट्सएप के सबसे बड़े बाजारों में से है।
आईटी मंत्रालय ने अभी तक व्हॉट्सएप से किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं मांगा है।
हालांकि, इस बारे में जल्द फैसला हो सकता है। व्हॉट्सएप की सेवा और निजता नीति में हालिया बदलाव को लेकर बहस छिड़ी है।
व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी है।
व्हॉट्सएप ने कहा है कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी।
इसके बाद व्हॉट्सएप द्वारा फेसबुक के साथ प्रयोगकर्ताओं की सूचना को साझा करने को लेकर इंटरनेट पर बड़ी संख्या में ‘मीम्स’ चल रहे हैं।
कई प्रयोगकर्ता व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों टेलीग्राम और सिग्नल पर स्थानांतरित हो रहे हैं।
इस घटनाक्रमों के बीच वैश्विक स्तर पर इन मंचों के लाखों डाउनलोड हुए हैं।