मेदिनीनगर: पलामू जिले की एक निचली अदालत ने हत्या के 11 वर्ष पुराने मामले में दोषी भाई को उम्रकैद की सजा सुनायी है।
पेड़ काटने के मामले में दो भाइयों के बीच विवाद हुआ था। सिविल कोर्ट के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-6 अमरेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को मामले में सजा सुनाई।
घटना 10 जून 2010 की है। जिला मुख्यालय से सटे चैनपुर थाना क्षेत्र के लिधकी गांव में बबूल का पेड़ काटने को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद हुआ था।
इसमें एक भाई ने दूसरे पर कुल्हाड़ी से हमला कर मार डाला था। फिर 11 साल तक न्यायालय में चले कानूनी दांव-पेंच के बाद इस मामले की सुनवाई पूरी हुई।
इसमें अदालत ने आरोपी बैजनाथ भुइयां को अपने बड़े भाई राजनाथ भुइयां की हत्या का दोषी ठहराया । सिविल कोर्ट ने बैजनाथ को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बैजनाथ अपने बड़े भाई की जमीन में लगे बबूल के पेड़ को काट रहा था। इस पर राजनाथ भुइयां ने उसे रोका था। इससे गुस्साए बैजनाथ ने पेड़ काटने के लिए हाथ में लिए कुल्हाड़ी से बड़े भाई पर वार कर दिया, जिसमें राजनाथ भुइयां की मौत हो गई।
राजनाथ भुइयां की पत्नी झारो देवी ने चैनपुर थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी।
बैजनाथ भुइयां को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट के समक्ष हत्या संबंधित सबूत पेश किया। इस पर बहस हुई। बैजनाथ को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। गिरफ्तारी के बाद से ही बैजनाथ पलामू सेंट्रल जेल में बंद है।